Move to Jagran APP

दो दिवसीय दौरा खत्म कर स्वदेश रवाना हुए डोनाल्ड ट्रंप, सीएए को बताया भारत का आंतरिक मामला

दोनो नेताओं के सामने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हालांकि ट्रेड समझौते को लेकर बहुत कुछ उल्लेखनीय तौर पर सामने नहीं आया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 11:16 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 07:55 AM (IST)
दो दिवसीय दौरा खत्म कर स्वदेश रवाना हुए डोनाल्ड ट्रंप, सीएए को बताया भारत का आंतरिक मामला
दो दिवसीय दौरा खत्म कर स्वदेश रवाना हुए डोनाल्ड ट्रंप, सीएए को बताया भारत का आंतरिक मामला

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। दो दिवसीय दौरे पर भारत आए डोनाल्ड ट्रंप स्वदेश (अमेरिका) रवाना हो गए।  भारत की ऐतिहासिक यात्रा पर आये अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट तौर कहा है कि नागरिक संशोधन कानून (सीएए) भारत का आतंरिक मामला है और इसे किस तरह से डील करना है यह भारत पर निर्भर करता है। यही नहीं धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर ट्रंप ने पीएम मोदी की इस बात पर भरोसा जताया कि भारत के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है और यहां की सरकार इसकी हर हालत में हिफाजत करने को तैयार है। जबकि कश्मीर को एक बड़ी समस्या मानते हुए उम्मीद जताई कि भारत व पाकिस्तान इसका मिल जुल कर समाधान निकालेंगे। अमेरिका जो भी कर सकता है वह करेगा।

loksabha election banner

भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आये और यहां मिले भरपूर आवभगत से गदगद राष्ट्रपति ने मंगलवार को देर रात वापसी से तकरीबन चार घंटे पहले प्रेस कांफ्रेंस की और भारत व अमेरिका के संबंधों की दशा व दिशा का खाका खींचा। बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति वह मानते हैं पीएम मोदी जैसे नेताओं के नेतृत्व में भारत का भविष्य बहुत ही अद्भुत होगा।

हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ दो चरणों में हुई बात

नई दिल्ली में मंगलवार को ट्रंप की यात्रा का दूसरा चरण था। सुबह राष्ट्रपति भवन में उनका राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया गया। ट्रंप व उनकी पत्नी राजघाट गई और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। ट्रंप उसके बाद हैदराबाद हाउस पहुंचे जहां पीएम मोदी के साथ उनकी दो चरणों में बात हुई।

रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, कारोबार समेत कई अहम मुद्दों पर हुई बात

पहले दोनो नेताओं ने तकरीबन 45 मिनट व्यक्तिगत तौर पर बात की और इसके बाद दोनों नेताओं की अगुवाई में अधिकारी स्तर की बातचीत एक घंटे चली। दोनो नेताओं की बातचीत वैसे तो रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, कारोबार, तकनीकी हस्तांतरण से जुड़े द्विपक्षीय मुद्दों पर ही केंद्रित रही लेकिन स्थानीय व वैश्विक मुद्दों को भी अच्छा खासा समय दिया गया। इसके तहत कश्मीर, पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व के खिलाफ संयुक्त रणनीति बनाने का मुद्दा भी प्रमुख रहा। दोनो नेताओं के सामने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हालांकि ट्रेड समझौते को लेकर बहुत कुछ उल्लेखनीय तौर पर सामने नहीं आया। हां, यह निश्चित तौर पर सुनिश्चित हुआ कि आने वाले दिनों में भारत अपनी ऊर्जा व रक्षा जरूरतों के लिए अमेरिका से और ज्यादा खरीददारी करेगा।

21वीं सदी की सबसे अहम साझेदारी

मोदी ने संयुक्त बयान में कहा कि ''भारत व अमेरिका के बीच साझेदारी 21 वीं सदी की सबसे अहम साझेदारी होगी। इसलिए मैने और राष्ट्रपति ट्रंप ने यह फैसला किया है कि इस साझेदारी को समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील किया जाएगा। अमेरिका के साथ हमारा रक्षा व सुरक्षा सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है। अमेरिका की बेहद आधुनिक रक्षा उपकरण हमारी क्षमता को और बढ़ाएंगी।''

पीएम मोदी ने संकेतों में यह बताया कि उनकी बातचीत में चीन के साथ जुड़ी चुनौतियां भी रही हैं। ट्रंप की तरफ से सीएए का प्रश्न ही नहीं उठाया गया। हां धार्मिक आजादी का मुद्दा जरूर उठाया गया मोदी की तरफ से उन्हें जो जवाब दिया गया उससे ट्रंप खासे संतुष्ट नजर आये।

मोदी मुस्लिमों के साथ मिल कर रहे काम: डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप ने कहा कि, ''धार्मिक स्वतंत्रता पर हमारी काफी बात हुई। मैंने मुस्लिमों के साथ इसाइयों की धार्मिक आजादी का मुद्दा भी उठाया है, पीएम मोदी इस बारे में काफी सशक्त तरीके से सोचते हैं। भारत ने धार्मिक आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है और वह उसे बचा कर रखेगा। भारत में 20 करोड़ मुस्लिम हैं, कुछ साल पहले वो 14 करोड़ थे। मोदी मुस्लिमों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं।''

ट्रंप ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ और सहयोग करने का आश्वासन दिया व कहा कि वह पाकिस्तान पर लगातार दबाव बना रहे हैं। पाक का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि आतंकवाद का साथ देने वाले देशों पर दबाव बनाने का काम और तेज होगा। उन्होंने कहा कि इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ भारत व अमेरिका का सहयोग और मजबूत होगा।

भारतीय-अमेरिका के उद्योगपतियों से भी हुई बात

मोदी के साथ लंच करने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय व अमेरिका उद्योगपतियों के समूह के साथ अलग से बैठक की और इसके बाद उन्होंने तकरीबन एक प्रेस वार्ता की। यह कम से कम पिछले दो दशकों में पहला मौका था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत में 50 मिनट लंबी प्रेस कांफ्रेंस की और देशी व विदेशी पत्रकारों के हर सवाल का जवाब दिया।

भारत के भविष्य के प्रति बेहद आश्वस्त नजर आ रहे ट्रंप ने कहा कि भारत एक बहुत ही बड़ी शक्ति के तौर पर स्थापित होगा। यह एक अद्भुत आर्थिक शक्ति भी होगा और इसका बाजार भी बहुत व्यापक होगा। पीएम मोदी जैसे नेताओं के नेतृत्व में इसका भविष्य उज्जवल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.