परिजनों को फंसाने के लिए डॉक्टर ने भेजा था प्रज्ञा को धमकी भरा पत्र, आरोपी महाराष्ट्र से गिरफ्तार
आरोपित ने पॉलीथिन में संदिग्ध विस्फोट पावडर भरा व परिवार वालों के कुछ दस्तावेजों के साथ धमकी भरा पत्र डाक से सांसद प्रज्ञा ठाकुर को भेजा था।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को संदिग्ध विस्फोटक के साथ धमकी भरा पत्र भेजने के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस की एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने महाराष्ट्र के होम्योपैथी डॉक्टर सैयद अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है। अब्दुल रहमान ने परिजनों को सबक सिखाने के लिए काल्पनिक आतंकी संगठन के नाम से धमकी भरा पत्र भेजा था। पत्र में परिजनों तथा परिचितों के नाम लिख दिए थे, ताकि पुलिस उन्हें जेल भेज दे। एटीएस ने आरोपित को अदालत में पेश कर सात दिन की रिमांड पर लिया है।
एटीएस ने आरोपित रहमान को महाराष्ट्र से किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि सांसद प्रज्ञा को धमकी भरा एक पत्र मिला था, जिसमें कथित रूप से विस्फोट भी था। प्रकरण की प्रारंभिक जांच भोपाल पुलिस ने की, बाद में इसे एटीएस को सौंप दिया गया। एटीएस के एडीजी राजेश गुप्ता ने बताया कि धमकी भरे पत्र में मिले दस्तावेजों के आधार पर जांच शुरू की, लेकिन उनमें किसी जगह का नाम नहीं होने से आरोपित की पहचान मुश्किल थी। चार दिन में एटीएस ने आरोपित की महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के अब्दुल रहमान के रूप में पहचान कर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और गिरफ्तार कर लिया।
परिजनों ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करवाया था
एटीएस की पूछताछ में अब्दुल रहमान ने बताया कि उसके खिलाफ परिजनों ने वर्ष 2014 में हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज करवाया था, जिसमें उसे 18 महीने जेल में रहना पड़ा था। इसका बदला लेने के लिए उसने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को कई शिकायत की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उसने बड़े हिंदू नेताओं को आतंकी संगठन के नाम से धमकी देकर उसमें परिजनों के नाम लिखने का षड्यंत्र रचा।
रहमान ने परिजनों से बदला लेने के लिए धमकी भरा पत्र डाक से प्रज्ञा ठाकुर को भेजा
गत वर्ष अक्टूबर माह में उसने अगरबत्ती के पैकेट की पॉलीथिन में संदिग्ध विस्फोट पावडर भरा व परिवार वालों के कुछ दस्तावेजों के साथ धमकी भरा पत्र डाक से सांसद प्रज्ञा ठाकुर को भेजा। सांसद ठाकुर ने 13 जनवरी 2020 में जब इसे खोलकर देखा तो पुलिस को शिकायत की। भोपाल के कमला नगर पुलिस थाने में यह प्रकरण दर्ज किया गया था।