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सबरीमाला फैसले पर अमित शाह का विवादित बयान सुप्रीम कोर्ट का अपमान

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शाह का यह बयान सीधे तौर पर न्यायपालिका को नसीहत देने के समान है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 06:35 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 12:10 AM (IST)
सबरीमाला फैसले पर अमित शाह का विवादित बयान सुप्रीम कोर्ट का अपमान
सबरीमाला फैसले पर अमित शाह का विवादित बयान सुप्रीम कोर्ट का अपमान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की न्यायपालिका को दी गई नसीहत संवैधानिक संस्थाओं पर एनडीए सरकार के सुनियोजित प्रहार की रणनीति का हिस्सा है। पार्टी ने शाह के बयान को गैर-जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भाजपा अध्यक्ष का वक्तव्य सुप्रीम कोर्ट के कानूनी विवेक का अपमान है।

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कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शाह का यह विवादित बयान भाजपा की संस्थाओं को एक-एक कर ध्वस्त करने की वृहद रणनीति का हिस्सा है। संवैधानिक संस्थाओं के साथ बीते चार साल में हुए सलूक का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी सूची बहुत लंबी है। मगर चुनाव आयोग, केंद्रीय सतर्कता आयोग, लोकपाल, सीबीआई और सूचना आयोग इन सब में गंभीर हस्तक्षेप किया गया है।

सिंघवी ने कहा कि इन संस्थाओं पर बिना समझ के राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए प्रहार किया गया। अब सर्वोच्च अदालत पर वार करने का प्रयास किया जा रहा है। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध को देखते हुए शाह ने शनिवार को केरल की एक सभा में कहा था कि न्यायालय को ऐसे फैसले देने चाहिए जिन्हें लागू कराया जा सके।

विपक्ष का कहना है कि शाह का यह बयान सीधे तौर पर न्यायपालिका को नसीहत देने के समान है। सिंघवी ने कहा भी कि भाजपा अध्यक्ष की टिप्पणी सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के विवेक और ज्ञान का अपमान है।


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