PM Modi के खिलाफ ताल ठोंकने वाले बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
पिछले साल वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताल ठोंकने वाले बीएसफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में एकबार फिर याचिका दाखिल की है।
नई दिल्ली, एएनआइ। लोकसभा चुनावों में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोंकने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) ने एकबार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव के लड़ने के इच्छुक तेज बहादुर का नामांकन गलत जानकारी देने की वजह से रद कर दिया गया था।
Dismissed BSF constable Tej Bahadur Yadav,who had last year tried to file his nomination papers for Varanasi constituency from where PM Narendra Modi contested,has filed a petition before Supreme Court challenging Allahabad HC's order which had dismissed his petition. (File pic) pic.twitter.com/jxkKFNHBxe
— ANI (@ANI) February 18, 2020
यह पहली बार नहीं है कि तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। पिछले साल मई महीने में भी उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। उस वक्त उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा वाराणसी सीट से नामांकन खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तब इसे खारिज कर दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तेज बहादुर (Tej Bahadur Yadav) की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि वह ना तो वाराणसी के मतदाता हैं, ना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे। ऐसे में उनकी ओर से याचिका दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता (Tej Bahadur Yadav) को चुनौती देने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह ना तो वाराणसी का मतदाता है और ना लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रहा है। ऐसे में उसको पीड़ित पक्ष नहीं कहा जा सकता है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने 58 पृष्ठ के अपने फैसले में कहा कि याची तेजबहादुर को 24 घंटे में आपत्ति दाखिल करने का अधिकार था। उक्त याचिका में तेज बहादुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव रद करने की मांग की थी।