जम्मू कश्मीर में सियासी घमासान के बीच उपराज्यपाल कर रहे जनता से सीधा संवाद
गुरूवार को हुए पहले एलजी से मुलाकात में कुल 19 लोगों ने अपनी समस्याएं रखी और 15 लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान कर दिया गया। चार लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को एक हफ्ते का वक्त दिया गया।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 को लेकर महबूबा मुफ्ती और उमर व फारूख अब्दुल्ला की तीखी बयानबाजी के बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आम जनता के साथ सीधा संवाद कायम करने में जुटे हैं। इस सिलसिले में गुरूवार को 'एलजी से मुलाकात' की शुरूआत हुई, जिसमें मनोज सिन्हा ने आम लोगों की समस्याएं सुनी और तत्काल वहीं उनका समाधान भी किया। शिकायतों का तत्काल निपटारा सुनिश्चित करने के लिए इस मुलाकात के दौरान राज्य के सभी आला अधिकारी भी मौजूद थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में विभिन्न दलों के नेता भी उपराज्यपाल के पास अपने-अपने क्षेत्र से जुड़ी मांगों को लेकर पहुंच रहे हैं।
गुरूवार को हुए पहले 'एलजी से मुलाकात' में कुल 19 लोगों ने अपनी समस्याएं रखी और 15 लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान कर दिया गया। चार लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को एक हफ्ते का वक्त दिया गया। जिन लोगों की समस्याएं दूर हुईं, उनमें उरी, बारामूला की निरमा बेगम भी हैं। बैंक के एकाउंट में कुछ गलतियों के कारण लंबे समय से सामाजिक न्याय विभाग से पेंशन नहीं मिल पा रहा था।
दो दिन के भीतर सभी अवैध निर्माणों को हटाने का दिया निर्देश
मनोज सिन्हा के निर्देश के बाद सोमवार तक निरमा बेगम के खाते में अभी तक की बकाया पेंशन सहित सारी जमा करा दिया जाएगा। इसी तरह काफी लंबे समय से अपने घर के चारो ओर अवैध निर्माण से परेशान बड़गांव के मोहम्मद अशरफ बेग की समस्या का समाधान करते हुए मनोज सिन्हा ने दो दिन के भीतर सभी अवैध निर्माणों को हटाने का निर्देश दिया। इसी तरह सांबा के रोहित शर्मा अपने मुहल्ले में कुछ सेवानिवृत अधिकारियों द्वारा नाला में अतिक्रमण की शिकायत लेकर पहुंचे। उपराज्यपाल के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सांबा प्रशासन ने नाला के ऊपर बने 40 साल पुराने पक्के निर्माण के साथ-साथ अन्य अतिक्रमण को हटा दिया।
शिकायतों के साथ ही तत्काल किया जा रहा समाधान
वैसे तो कई राज्यों में मुख्यमंत्री के जनता दरबार की परंपरा पुरानी है। लेकिन जम्मू-कश्मीर का 'एलजी से मुलाकात' इस मामले में सबसे अलग है कि इसमें सिर्फ शिकायतें नहीं सुनी जा रही हैं, बल्कि तत्काल वहीं इसका समाधान किया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्त, एसएसपी, डीजीपी, मुख्य सचिव समेत राज्य के सभी विभागों के आला अधिकारी मौजूद होते हैं। शिकायतकर्ता के सामने पर उसपर कार्रवाई शुरू हो जाती है और सभी संबंधित अधिकारी उसी समय उसे दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाते हैं। संवाद की प्रक्रिया भले ही पूरी तरह से आनलाइन हो, लेकिन शिकायतकर्ता खुद संबंधित उपायुक्त के कार्यालय में बैठकर अपनी समस्या को दूर होते देखता है। उपराज्यपाल के पास आनेवाली आनलाइन और ऑफलाइन सभी तरह की शिकायतों में से शिकायतकर्ता का औचक चयन किया जाता है।
राजनीतिक दलों के नेता पहुंच रहे उपराज्यपाल के पास
जनता से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में उपराज्यपाल की तत्परता को देखते हुए बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के नेता भी अपनी-अपनी मांगों की सूची लेकर उपराज्यपाल के पास पहुंचने लगे हैं। शुक्रवार को ऐसे पांच नेताओं ने उपराज्यपाल से मुलाकात की, जिनमें दो कांग्रेस नेता थे। राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता आरएस चिब ने श्रीनगर में सैनिक कालोनी के निर्माण, जम्मू-सुचेतगढ़ नेशनल हाइवे के चार लेन में परिवर्तन का काम तेज करने और ग्रामीण विकास योजनाओं की निगरानी की प्रणाली तैयार करने की मांग को लेकर उपराज्यपाल से मुलाकात की।
तो वहीं, जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव व पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने पुराने जम्मू में ट्रैफिक प्रबंधन व पार्किंग जैसी सुविधाओं समेत कई मांगों की फेहरिश्त रखी। इसी तरह पूर्व मंत्री और डोगरा सदर सभा के अध्यक्ष गुलचैन सिंह चरक भी जम्मू क्षेत्र और डोगरा से जुड़े कई मुद्दों पर उपराज्यपाल के साथ चर्चा की। उपराज्यपाल से मिलने वालों में दो अन्य भाजपा नेता थे। शुक्रवार को इन पांच नेताओं के मुलाकात के पहले भी उपराज्यपाल से मुलाकात कर राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने वाले नेताओं की लंबी फेहरिश्त है।