दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के साफ होने पर दिग्विजय सिंह ने कुछ यूं दी प्रतिक्रिया
दिग्विजय सिंह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई भाजपा और कांग्रेस की हार पर कहा कि भाजपा सरकार बनाने का दावा कर रही थी वह पूरी तरह से साफ हो गई।
गुना, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई भाजपा और कांग्रेस की हार पर कहा कि भाजपा सरकार बनाने का दावा कर रही थी, वह पूरी तरह से साफ हो गई। भाजपा के खिलाफ लोगों ने नाराजगी प्रकट की है। कांग्रेस का पूरा वोट भाजपा को हराने में लग गया। सिंह गुरुवार दोपहर में गुना जिले के बीनागंज कस्बे में आयोजित रामकथा में शामिल होने आए थे।
घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने पर उठाए सवाल
पत्रकारों से चर्चा में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने सिलेंडर के दाम 144 रुपए बढ़ाए हैं। इन्होंने पहले तो सबसिडी खत्म की, फिर लोगों से कहा तुम भी सबसिडी खत्म कर दो। अब जब गैस के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में घट रहे हैं, तो इन्होंने बढ़ा दिए। केवल अपना घाटा पूरा करने के लिए उपभोक्ताओं पर यह भार डाल दिया है, जब कांग्रेस शासनकाल में थोड़े भी दाम बढ़ जाते थे, तो पीएम नरेंद्र मोदी दुनियाभर की अनर्गल बातें करते थे। स्मृति ईरानी धरने पर बैठ जातीं, अब कहां हैं ये लोग? कई राज्यों में भाजपा की हार को लेकर दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि यदि ईवीएम की मदद इनको न मिले, तो ये कोई भी चुनाव नहीं जीत सकते।
उधर, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सुझाव दिया कि पार्टी को अब बड़ी बेरहमी से खुद को नए सिरे से गढ़ना होगा, अन्यथा उसे भविष्य में निरर्थक होने का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस नेताओं को अब खुद को बेदर्दी से गढ़ना होगा
उन्होंने कहा कि वास्तव में हम बिहार में कहीं नहीं हैं। उत्तर प्रदेश से लगभग विलुप्त हो चुके हैं। लेकिन हम राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा में मजबूती से वापसी कर पाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को अब खुद को बेदर्दी से गढ़ना होगा। अगर कांग्रेस पार्टी को अपनी सार्थकता बनाए रखनी है तो उसे पुनर्गठन की जरूरत है। अन्यथा हम अपना औचित्य खोने वाले हैं। हमें हेकड़ी को छोड़ना होगा।
छह साल से भी अधिक समय से सत्ता से दूर रहने के बावजूद हममें से कई ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे अभी भी मंत्री हों। नेतृत्व के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में जयराम रमेश ने कहा कि स्थानीय स्तर के नेताओं को बढ़ावा देने होगा और उन्हें सही तरीके से शिक्षित करना होगा। उन्हें स्वतंत्रता और स्वायत्तता दी जानी चाहिए। हमारे नेतृत्व के स्वरूप और शैली में बदलाव की जरूरत है।