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तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं थम रहा मप्र कांग्रेस में आया सियासी भूचाल

कमलनाथ सरकार के मंत्रियों को दिग्विजय सिंह द्वारा पत्र भेजकर समय मांगने के जिस मुद्दे पर कांग्रेस की सियासत गरमाई थी

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 10:55 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 10:55 PM (IST)
तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं थम रहा मप्र कांग्रेस में आया सियासी भूचाल
तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं थम रहा मप्र कांग्रेस में आया सियासी भूचाल

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश कांग्रेस में आया सियासी भूचाल तमाम प्रयासों के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ तीखे तेवर दिखाने के बाद भले ही चौथे दिन चुप्पी साध ली, लेकिन बुधवार देर रात उन्होंने वसीम बरेलवी के शेर 'उसूलों पर जहां आंच आए टकराना जरूरी है, जो गर जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है' ट्वीट कर अपने इरादों को फिर जाहिर करने का प्रयास किया।

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उधर, कमलनाथ सरकार के मंत्रियों को दिग्विजय सिंह द्वारा पत्र भेजकर समय मांगने के जिस मुद्दे पर कांग्रेस की सियासत गरमाई थी, उसके लिए अब वन मंत्री उमंग सिंघार ने सिंह को समय दे दिया है। शुक्रवार को सुबह दस से दोपहर 12 बजे तक के लिए समय आरक्षित किया गया है।

गौरतलब है कि सिंघार कुछ दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर लगातार हमलावर थे। इस बीच दिग्विजय ने उनसे समय देने का आग्रह किया था। इसी कड़ी में सिंघार ने दिग्विजय सिंह को समय तो दे दिया, मगर हमलावर तेवर बरकरार रखे। उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने कहा कि वन मंत्री उमंग सिंघार जमुना देवी की विरासत को बदनाम कर रहे हैं। वे परजीवी व सुविधा भोगी हैं और भाजपा का मोहरा हैं। उन्होंने शिवराज सिंह के खिलाफ डंपर कांड की लड़ाई में सौदेबाजी कर लड़ाई को कमजोर किया।

सपा विधायक ने भी कांग्रेस के खिलाफ खोला मोर्चा
कांग्रेस में चल रहे सियासी संग्राम के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक राजेश शुक्ला ने कई मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 12-13 मंत्री बिना पैसे लिए काम नहीं करते। विधायकों की भी नहीं सुनते। उन्होंने मंत्री कमलेश्वर पटेल, बाला बच्चन और तुलसी सिलावट का नाम भी लिया और कहा कि प्रदेश में जनहित के काम भी नहीं हो रहे। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया से विशेष चर्चा में सपा विधायक ने बताया कि इस मुद्दे पर दो दिन पहले मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी शिकायत की थी। कांग्रेसी आपस में ही लड़ रहे हैं। ऐसे में सरकार को खतरा कांग्रेसियों से ही है। अराजकता की स्थिति बन गई है, जिसका समाधान निकालना जरूरी है।

कांग्रेस विधायक ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र
उज्जैन जिले के तराना से विधायक महेश परमार ने पार्टी की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने वाले मंत्रियों, विधायकों और नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। उधर, विदिशा के कांग्रेस जिलाध्यक्ष शैलेंद्र रघुवंशी ने भी सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग की है। रघुवंशी ने लिखा है कि वर्तमान में प्रदेश में सरकार और संगठन के बड़ी खाई पैदा हो गई है। वर्तमान सरकार ने पूर्व विधायक और विधानसभा प्रत्याशी रह चुके नेताओं को पावर दे रखा है। वो अपनी कमाई की दुकानें चला रहे हैं। सोशल मीडिया पर पत्र वायरल होते ही कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव सहित अन्य नेताओं ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया है।


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