Move to Jagran APP

कौन बनेगा उपसभापति: राज्‍य सभा में होगी विपक्षी एकता की अग्निपरीक्षा, BJP ने भी कसी कमर

यही वजह है कि इस चुनाव को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष के बीच अभी से रस्‍साकसी शुरू हो गई है। विपक्ष की एकता के लिए परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 12:28 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 01:53 PM (IST)
कौन बनेगा उपसभापति: राज्‍य सभा में होगी विपक्षी एकता की अग्निपरीक्षा, BJP ने भी कसी कमर
कौन बनेगा उपसभापति: राज्‍य सभा में होगी विपक्षी एकता की अग्निपरीक्षा, BJP ने भी कसी कमर

नई दिल्‍ली [एजेंसी] । कर्नाटक में विपक्ष की एकजुटता के सुखद परिणाम के बाद  भाजपा के खिलाफ दिखा विपक्षी एकता का साया राज्यसभा उपसभापति के चुनाव में भी पड़ना तय माना जा रहा है। यही वजह है कि इस चुनाव को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी पार्टियाें के बीच अभी से रस्‍साकसी शुरू हो गई है। इस चुनाव को विपक्ष की एकता के लिए परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।

prime article banner

चुनाव में तीन क्षेत्रीय दलों बीजू जनता दल, टीआरएस और वाईएसआरसीपी की निर्णायक भूमिका को देखते हुए एनडीए और विपक्षी पार्टियां इन छोटे दलों को लुभाने में जुट गई हैं। इन तीन पार्टियों के 17 सदस्य राज्यसभा का अगला उपसभापति चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जहां सत्तारूढ़ दल के रणनीतिकार भी इन तीनों दलों के संपर्क में हैं, क्योंकि इन पार्टियों ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भाजपा का समर्थन किया था। बीजेडी ने हालांकि उप राष्ट्रपति चुनाव के लिये कांग्रेस उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया था।

बता दें कि 245 सदस्यीय सदन में जीतने वाले उम्मीदवार को 122 मतों की जरूरत होगी। भाजपा राज्‍य सभा में सबसे बड़ी पार्टी है। उसे 106 सदस्यों का समर्थन हासिल है। इसमें AIADMK के भी 14 सदस्य शामिल हैं। चुनाव प्रक्रिया की तारीख संसद के आगामी मानसून सत्र के बीच तय होने की उम्‍मीद है। ऐसे संकेत हैं कि जुलाई माह के मध्य के बाद बाद ही मानसून सत्र आरंभ होगा। उसके एक सप्ताह के बीच उपसभापति का चुनाव होने की संभावना है।

स्थापित नियम यह है कि उपसभापति का निर्वाचन उस तिथि को होता है जिस दिन सभापति यानी उप राष्ट्रपति तय कर दें। इस चुनाव के लिए राज्यसभा महासचिव की ओर से सदन के प्रत्येक सदस्य को चुनाव तिथि के बारे में लिखित सूचना दी जानी अनिवार्य होती है।

राज्यसभा में 67 सांसदों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन बदले हालात में तेलगु देशम पार्टी के उससे नाता तोड़ने और शिव सेना के साथ रिश्ते खराब होने के बाद भाजपा के लिए उपसभापति पद के चुनाव का सामना कर पाना आसान नहीं रह गया। कांग्रेस पार्टी की सदस्य संख्या 51 रह गई है, लेकिन विपक्षी एकता के बदले हालात में तृणमूल कांग्रेस के 13, समाजवादी पार्टी के 6, टीडीपी 6, डीएमके के 4, बसपा के 4, एनसीपी के 4 माकपा 4, भाकपा 1 व अन्य गैर भाजपा पार्टियों की सदस्य संख्या को मिला दें तो वे भाजपा पर भारी पड़ रहे हैं । हालांकि 13 सदस्यों वाली अन्नाद्रमुक भाजपा के साथ जाएगी। ऐसे आसार हैं लेकिन 9 सदस्यों वाला बीजू जनतादल व शिव सेना समेत कुछ और दल अगर तटस्थता बनाए रखते हैं तो इससे विपक्षी पलड़ा भारी होना तय है।

बता दें कि कांग्रेस सांसद पीजे कुरियन का कार्यकाल इस माह की 30 जून को समाप्त हो रहा है। वह 77 वर्ष के हैं। वह 2012 से इस पद बने हुए हैं। उनकी जगह नए उप सभापति की चयन प्रक्रिया संसद के आगामी सत्र के बीच में होनी है। अब तक परंपरा यही रही है कि राज्यसभा में सभापति की तरह उपसभापति के निर्वाचन में भी केंद्र में सत्ताधारी पार्टी की अहम भूमिका होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.