'संवैधानिक अधिकारों का हनन था पाक शरणार्थियों को नागरिकता से वंचित रखना'- जितेंद्र सिंह
शरणार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में बोले जितेंद्र सिंह। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) से आए शरणार्थियों को 70 साल तक नागरिकता अधिकारों से वंचित रखना संवैधानिक और मानव अधिकारों का उल्लंघन था।
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसिक फैसले के बाद अब उन्हें वे सभी अधिकार होंगे जो देश के किसी अन्य नागरिक को हैं। उनके बच्चों को भी नौकरियों और सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अन्य विभिन्न नए अवसरों में समान मौके मिलेंगे।
आधे घंटे की इस मुलाकात के दौरान जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें 70 साल तक सिर्फ इसलिए उनके अधिकारों से वंचित रखा गया क्योंकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बसने का फैसला किया जबकि उन्हीं के साथ के दो शरणार्थी (इंद्र कुमार गुजराल और मनमोहन सिंह) जिन्होंने देश के अन्य हिस्सों में बसने का विकल्प चुना, वे देश के प्रधानमंत्री बने। लब्भा राम गांधी के नेतृत्व में कमेटी द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटने और राज्य के केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील होने से पश्चिम पाकिस्तान से आए सभी शरणार्थियों को सभी अधिकार स्वत: प्राप्त हो गए हैं।