दिल्ली पुलिस को आदेश, पूर्व वित्तमंत्री जेटली के फोन टैप मामले में गंभीरतापूर्वक कार्रवाई करें
इनमें सीताराम येचुरी साध्वी प्राची व सुदर्शन न्यूज चैनल से संबंधित मामले भी है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने सदन के नेता रहे पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली के फोन टैपिंग के मामले में दिल्ली पुलिस को आरोपितों के विरुद्ध चल रही कानूनी कार्रवाई की पूरी गंभीरतापूर्वक पैरवी करने तथा समिति को उसके नतीजे से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
राज्यसभा में पेश अपनी 66वीं रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि कुछ राज्यसभा सदस्यों ने 2015 में सदन के तत्कालीन नेता अरुण जेटली के मोबाइल फोन टैप किए जाने की शिकायत की थी। तदनुसार मामले पर समिति ने 6 मई, 2015 को अपनी 61 वीं रिपोर्ट सदन में पेश की थी।
परंतु कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट की कुछ बातों पर सवाल उठाए थे और समिति से मामले की दुबारा जांच करने का अनुरोध किया था। दुबारा पड़ताल में समिति ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात करने के अलावा सांसदों के फोन टैपिंग पर एजीआइ की भी राय ली।
मामले की पूरी जांच के बाद समिति इस नतीजे पर पहुंची है कि यदि सदन के सदस्य के फोन टैप करने से संसदीय कार्यव्यवहार में बाधा पड़ती है तो इसे आपराधिक कानून के तहत विशेषाधिकार हनन माना जाएगा। समिति ने गृह मंत्रालय के माध्यम से दिल्ली पुलिस को न्यायायालय में विचाराधीन इस आपराधिक मामले की पूरी गंभीरता के साथ पैरवी करने को कहा है।
एक अन्य मामले में भी, जिसमें कुछ लोगों ने राज्यसभा में 26 फरवरी, 2016 को चली कार्यवाही के आधार पर माकपा सदस्य सीताराम येचुरी को फोन कर जान से मारने की धमकी देने के साथ अश्लील और अभद्र भाषा का प्रयोग किया था, समिति ने दिल्ली पुलिस को पकड़े गए व्यक्ति के विरुद्ध न्यायालय में चल रहे आपराधिक केस की गंभीरतापूर्वक पैरवी करने तथा 30 दिन के भीतर अन्य आरोपितों के विरुद्ध जांच की प्रगति की जानकारी देने को कहा है। इस मामले का जिक्र समिति ने सदन में पेश अपनी 67वीं रिपोर्ट में करते हुए सूचित किया कि येचुरी को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गई है।
तीसरे मामले में समिति ने साध्वी प्राची के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के तीन नोटिसों पर अपनी 68वीं रिपोर्ट दी है। इनमें साध्वी पर संसद सदस्यों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया था। साध्वी प्राची की टिप्पणियों की भर्त्सना करते हुए समिति ने उनकी टिप्पणियों को अनुचित और सांसदों की मानहानि करने जैसा व्यक्तिगत हमला बताया है।
समिति ने दो बार साध्वी प्राची को सुनने के बाद मामले को और आगे न बढ़ाए जाने की राय दी है। साध्वी प्राची ने कुछ टेलीविजन चैनलों पर कहा था कि संसद में एक-दो आतंकवादी हैं जिनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
समिति ने अपनी 69वीं रिपोर्ट सुदर्शन न्यूज चैनल के विरुद्ध राज्यसभा सदस्यों की ओर से दिए गए विशेषाधिकार हनन नोटिस पर दी है और सख्त टिप्पणियों के साथ इस मामले को भी आगे न बढ़ाने की राय दी है। नोटिस में चैनल पर सदन के तत्कालीन सदस्य नरेश अग्रवाल पर 19 जुलाई, 2017 को सदन में की गई बहस को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।