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अंडमान निकोबार में तीनों सेनाओं की सैन्य तैयारियों का रक्षा मंत्री ने लिया जायजा

अंडमान निकोबार द्वीप समूह मलक्का खाड़ी के पास है। ऐसे में रणनीतिक लिहाज से यह महत्वपूर्ण स्थान है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 08:35 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 08:35 PM (IST)
अंडमान निकोबार में तीनों सेनाओं की सैन्य तैयारियों का रक्षा मंत्री ने लिया जायजा
अंडमान निकोबार में तीनों सेनाओं की सैन्य तैयारियों का रक्षा मंत्री ने लिया जायजा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली।  थल सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक के साल के पहले संयुक्त सैन्य अभ्यास का करीब से निरीक्षण करने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अंडमान निकोबार द्वीप समूह की दो दिवसीय यात्रा पर है। रक्षा मंत्री सैन्य अभ्यास का करीब से जायजा लेने और सैन्य तैयारियों को परखने के लिए निकोबार द्वीप में कैम्पबेल खाड़ी से कुछ दूरी पर सैन्य कमान के सभी रक्षा बलों की सहभागिता वाले परिचालन अभ्यास की सोमवार को साक्षी बनी। इस अभ्यास में कम से कम दो ऐसे रहे जिसमें तीनों सैन्य बलों की हिस्सेदारी देखने को मिली।

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अंडमान निकोबार द्वीप समूह मलक्का खाड़ी के पास है। ऐसे में रणनीतिक लिहाज से यह महत्वपूर्ण स्थान है। मलक्का खाड़ी समुद्र में आवाजाही का अहम मार्ग है और चीन सहित कई देशों की नौसेना इसका इस्तेमाल करती है।

सामरिक सुरक्षा के नजरिए से अंडमान और निकोबार बहुत अहम है। अंडमान निकोबार में भारत का एकमात्र तीनों सेवाओं की कमान है। यह द्वीप समूह लगभग 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है। इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से चीन इसके आसपास के क्षेत्र में खुराफाती गतिविधियां दिखाता रहा है। यहां चीन के पोतों और पनडुब्बियों की मौजूदगी महसूस की जाती रही है।

इसको देखते हुए अंडमान और निकोबार में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर मोदी सरकार की ओर से पूरा जोर भी दिया जा रहा है। द्वीप कनेक्टिविटी प्रोग्राम के जरिए अंडमान और निकोबार के ये 572 द्वीप अब एक दूसरे के करीब आ रहे हैं।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का अंडमान एवं निकोबार कमान का यह दूसरा दौरा है। रक्षा मंत्री ने अपनी इस यात्रा के दौरान परिचालन से जुड़ी तैयारियों के साथ-साथ इस कमान की दूरस्थ इकाइयों (यूनिट) के ढांचागत विकास से जुड़े कार्यो की भी समीक्षा की है।

रक्षा मंत्री ने अपने इस दौरे में ब्रिचगंज मिलिट्री स्टेशन पर मैरेड एकोमोडेशन प्रोजेक्ट (एमएपी) के दूसरे चरण का उद्घाटन भी किया, जिसमें एएनसी के सैनिकों के लिए 868 आवासीय इकाइयां बनाई गई है।


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