सुरक्षाबलों के बीच रक्षा मंत्री बोले, भारत चीन सीमा से सटे लोग आम नागरिक नहीं हमारे लिए हैं 'स्ट्रैटिजिक एसेट'
रक्षा मंत्री ने तवांग में युद्ध स्मारक का भी दौरा किया और 1962 युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
तवांग, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत-चीन सीमा पर रह रहे लोग सामान्य नागरिक नहीं बल्कि सामरिक संपत्ति हैं। लोग यहां देशभक्त हैं और सैन्य बलों के साथ उनके संबंध बहुत गहरे और मजबूत हैं। रक्षा मंत्री दो दिन के दौरे पर अरुणाचल प्रदेश में हैं।
गुरुवार को उन्होंने चीन सीमा से सटे क्षेत्रों का जायजा लिया। रक्षा मंत्री ने सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों का अहम बताते हुए कहा, मुझे अभी भी याद है कि जब एएन-32 एयरक्राफ्ट हादसे का शिकार हुआ था तो स्थानीय लोगों की मदद से हम क्रैश साइट पर पहुंच पाए थे।
बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा
रक्षा मंत्री ने तवांग में युद्ध स्मारक का भी दौरा किया और 1962 युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि वीर सैनिकों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, सरकार नार्थईस्ट इंडस्टि्रयल कॉरिडोर स्थापित करने की योजना बना रही है जो क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के कई अवसर पैदा करेगा।
चहुंमुखी प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा देश
रक्षा मंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश कॉरिडोर भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के बीच लैंड ब्रिज के रूप में काम करेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत चहुंमुखी प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत उत्तरपूर्व क्षेत्र के विकास पर उन्होंने सरकार के विशेष कार्यो को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नए भारत की मार्ग नए पूर्वोत्तर भारत से होकर गुजरता है।
राजनाथ 15 नवंबर को बुमला क्षेत्र में सैन्य चौकियों पर जाएंगे। वे इस क्षेत्र में बने एक पुल का उद्घाटन करेंगे।रक्षा मंत्री के रूप में राजनाथ सिंह का यह पहला अरुणाचल प्रदेश दौरा है। इससे पहले उन्होंने पिछले महीने सियाचिन का दौरा किया था। उस दौरे में सेना प्रमुख बिपिन रावत भी उनके साथ मौजूद थे।