रक्षामंत्री ने संघर्ष विराम तोड़ने पर सख्त कारवाई की पाक को दी चेतावनी
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत सीजफायर का सम्मान करता है, लेकिन हमें उकसाया गया तो हम भी कड़ा जवाब देने में पीछे नहीं रहेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने को लेकर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब देने की सख्त चेतावनी दी है। रक्षामंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय के कहने पर रमजान के लिए संघर्ष विराम का फैसला लिया गया है। मगर सीमा पार से इस दौरान उकसावे की कोई हरकत हुई तो भारत उसका मुहंतोड़ जवाब देगा। एनडीए सरकार के चार साल के दौरान रक्षा मंत्रालय की उपलब्धियों पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय सेना को सीमा पार से उकसावे वाली किसी भी फायरिंग का तगड़ा जवाब देने का अधिकार है और उन्हें ऐसा निर्देश भी है। रमजान के मद्देनजर संघर्ष विराम का फैसला लेने पर सेना की राय ली गई थी या नहीं?
रक्षामंत्री ने कहा कि बेशक सेना से मशविरा किया गया था और उनकी गृहमंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा हुई थी। यह भारत सरकार का फैसला है। रमजान की वजह से संघर्ष विराम के भारत के फैसले के बावजूद पाकिस्तान की ओर से फायरिंग किये जाने के सवाल पर रक्षामंत्री ने कहा कि सीमाओं को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसीलिए इसमें कोई संदेह नहीं कि सीमा पर किसी उकसावे वाली कार्रवाई का तगड़ा जवाब दिये बिना नहीं छोड़ेंगे।
पाकिस्तान के साथ मौजूदा हालत में वार्ता के सवाल पर निर्मला ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नजरिये को दोहराते हुए कहा कि एक ओर आतंकवाद और दूसरी तरफ वार्ता दोनों साथ नहीं चल सकती। संघर्ष विराम की घोषणा के बाद से जम्मू-कश्मीर में हालत में क्या कुछ सकारात्मक बदलाव आया है? रक्षामंत्री ने इस पर कहा कि रक्षा मंत्रालय का काम इसकी सफलता या असफलता का आकलन करना नहीं है। संघर्ष विराम की अवधि बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने साफ किया कि रमजान के बाद भी यह जारी रहेगा इसका कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम अभी केवल रमजान तक के लिए है।
सेना के पास हथियारों की कोई कमी नहीं
रक्षामंत्री ने कहा कि फिलहाल सेना के पास हथियारों की कोई कमी नहीं है। राफेल डील को लेकर उठाए जा रहे विपक्ष के आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा कि सेना के पास अभी फंड की कोई कमी नहीं है। उन्होंने आंकड़े भी जारी किए।
साल | रुपये जारी | खर्च |
2013-14 | 86,740 करोड़ | 79,125 करोड़ |
2014-15 | 94,587 करोड़ | 81,887 करोड़ |
2015-16 | 94,588 करोड़ | 79,958 करोड़ |
2016-17 | 86,304 करोड़ | 86,370 करोड़ |
2017-18 | 86,488 करोड़ | 90,406 करोड़ |