सैन्य हथियारों को हासिल करने की प्रक्रिया में तेजी : सीतारमण
58 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे में कांग्रेस के लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच रक्षा मंत्री का यह बयान काफी अहम है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने फ्रांस से राफेल युद्धक विमान सौदे पर छाए प्रकोप के बीच कहा कि सैन्य हथियारों और उपकरणों को हासिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा चुका है। और यह तेजी से हो रहा है लेकिन इसके लिए बड़ा परिश्रम करना पड़ रहा है।
भारतीय रक्षा उपकरण निर्माताओं को संबोधित करते हुए सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि उन्हें सशस्त्र सेनाओं को अपने रक्षा उपकरणों की गुणवत्ता, उद्देश्य, उपयोगिता और प्रासंगिकता को समझाना होगा। उन्होंने कहा कि वह सशस्त्र बलों को उनसे उपकरण खरीदने को नहीं कह सकती हैं। यह घरेलू कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वह अपने उत्पाद को उनके सामने सबसे अच्छा साबित करें। इन उपकरणों का इस्तेमाल करने वाली सेनाओं को उन्हें रजामंद करना होगा। यह जरूरी नहीं है कि सेना हमसे या हमारे आदेश या दबाव से उसे खरीदने के लिए बाध्य होगी।
रक्षा क्षेत्र के निर्माताओं और उद्योग संगठन की ओर से आयोजित 'इंडियन डिफेंस कान्क्लेव 2018' को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी अभियान संबंधी तैयारी प्रभावित न होना सुनिश्चित करने के लिए मुझे काम करना होगा। सीतारमण ने अपने पूर्ववर्ती रक्षा मंत्रियों मनोहर पर्रीकर और अरुण जेटली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल रक्षा प्रक्रिया का सरलीकरण किया बल्कि इसमें पारदर्शिता भी सुनिश्चित की है। हथियारों को हासिल करने की प्रक्रिया की जटिलता को कम करने की कोशिश की गई है। इसके सरलीकरण से रक्षा उपकरणों को हासिल करने की प्रक्रिया को गति मिली है।
उल्लेखनीय है कि 58 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे में कांग्रेस के लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच रक्षा मंत्री का यह बयान काफी अहम है। केंद्र सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि विमानों की कीमत बताना सीक्रेसी क्लाज का उल्लंघन होगा। और इससे विरोधी देशों को फायदा होगा।
विदेशी बाजार में भी दें भारतीय रक्षा कंपनियां दखल
रक्षा मंत्री ने रक्षा उपकरण निर्माता कंपनियों से केवल भारतीय बाजार पर नजर रखने की सोच से बाहर निकलने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसे कई देश हैं जिनके पास रक्षा उपकरणों के उत्पादन की क्षमता नहीं है और उन्हें उसे खरीदना पड़ता है। जिन देशों का कभी भी रक्षा उपकरण उत्पादन का इतिहास नहीं रहा, उस विदेशी बाजार पर नजरें जमाएं। 'मेक इन इंडिया' सिर्फ भारत में काम करने के लिए नहीं है। सरकार का 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट केवल कागजों पर नहीं है बल्कि इस आदेश को जारी किया जा चुका है।
कई रक्षा सामग्रियों का नाम संरक्षित सूची से हटाया
सीतारमण ने भारतीय रक्षा उत्पाद निर्माताओं से कहा कि सरकार इस उद्योग जगत को अपने उत्पादों का निर्यात करने के लिए हरसंभव मदद देगी। घरेलू रक्षा उत्पाद निर्माताओं को मनोबल बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि कई रक्षा सामग्रियों का नाम उस सूची से हटा दिया गया है जो केवल ऑर्डिनेंस फैक्टि्रयों और सरकार के अधीन कंपनियों में बनाए जाने के लिए संरक्षित हैं।
महिलाओं के लिए साइबर स्पेस सुरक्षित बनाने की अपील
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इंटरनेट की दुनिया में महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखने की बेहद जरूरत है। चूंकि महिलाएं कंप्यूटर, मोबाइल आदि पर बड़े पैमाने पर काम करती हैं। विश्व के चीफ जस्टिसों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साइबर स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा पर काम किए जाने की जरूरत है।