राजनाथ ने इमरान से पूछा, विभाजन के बाद वहां गए लोगों को आज भी 'मुहाजिर' क्यों कहते हैं ?
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत में अल्पसंख्यक खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। बल्कि पाकिस्तान में उनको आज भी मुहाजिर कहा जाता है।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर बड़ा बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के अल्पसंख्यक वाले बयान पर उन्हें करारा जवाब दिया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक खुद की सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं। वहीं राजनाथ ने यह भी कहा कि भारत में अल्पसंख्यक खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर इसको लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए।राजनाथ सिंह ने आगे कि भारत-पाकिस्तान विभाजन(India-pakistan partition) के बाद जो लोग पाकिस्तान चले गए, उनके साथ आजतक भेदभाव किया जाता है और उन्हें मुहाजिर कहा जाता है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर रक्षामंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'यह दुनिया से छिपा नहीं है कि सिंधी समुदाय, सिख समुदाय, बलूच और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ पाकिस्तान में क्या हो रहा है। पाकिस्तान जो 'संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में मानवाधिकारों के उल्लंघन' पर बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है, उसे पहले यह देखना चाहिए कि उनके देश में क्या हो रहा है।'
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद की अपनी नीति नहीं छोड़ी तो वह कई टुकड़ों में बिखर जाएगा। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, 'हमारे पड़ोसी को एक दिन आतंकवाद की अपनी नीति को छोड़ देना चाहिए, जब इसे मजबूरी से बाहर निकलना होगा और दुनिया की कोई भी ताकत इसे अलग-अलग टुकड़ों में तोड़ने से नहीं बचाएगी।'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे को उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि अल्पसंख्यकों को खुद पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना करना पड़ता है।
राजनाथ सिंह ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात करना पाकिस्तान को शोभा नहीं देता है, जहाँ सभी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी भलाई के लिए चिंतित हैं। पाकिस्तान भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में सक्षम नहीं है और संयुक्त राष्ट्र को गुमराह कर रहा है।'
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान यह नहीं देख सकता कि सभी समुदाय के लोग भारत में शांति के साथ रहते हैं। अल्पसंख्यक भारत में सुरक्षित महसूस करते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय हमेशा सुरक्षित रहे हैं, सुरक्षित हैं और यहां सुरक्षित रहेंगे।'