आर्मी हेडक्वार्टर से फील्ड आर्मी के यूनिट में भेजे जाएंगे 206 ऑफिसर, रक्षा मंत्री ने दी मंजूरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से आर्मी हेडक्वार्टर में तैनात जवानों को फील्ड आर्मी के यूनिटों में भेजे जाने की मंजूरी दे दी गई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। रक्षा मंत्रालय की ओर से बुधवार को आर्मी हेडक्वार्टर (AHQ) में बदलाव की मंजूरी दे दी गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बुधवार को ट्वीट कर आर्मी मुख्यालय से फील्ड आर्मी के यूनिटों में 206 आर्मी अधिकारियों के री-लोकेशन की जानकारी दी। बता दें कि पहले ही सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की ओर से इस बारे में संकेत दिए गए थे। उन्होंने कहा था कि हम सेना के रिस्ट्रक्चरिंग के लिए योजना बना रहे हैं।
मानवाधिकार के लिए अलग विभाग
वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ (VCOAS) के तहत गठित संगठन मानवाधिकार के मुद्दों को देखेगा। मानवाधिकार सम्मेलन और मानवाधिकार मूल्यों के पालन को उच्च प्राथमिकता देने के लिए, ADCO की अध्यक्षता में सीधे वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के नेतृत्व में एक विशेष मानवाधिकार अनुभाग स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए बदलाव
बिपिन रावत ने बताया था कि यह बदलाव भविष्य में होने वाले युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए सेना ने खुद को चुस्त, घातक और क्षमता-आधारित बल बनाने के लिए बदलाव की सिफारिशें की थीं। योजना के अनुसार, डिप्टी चीफ (योजना और प्रबंध) को डिप्टी चीफ (क्षमता विकास) में बदला गया है जो मुख्यालय की रिस्ट्रक्चरिंग, आधुनिकीकरण और राजस्व प्रबंधन का काम देखेंगे। पारदर्शिता तय करने के लिए सेना प्रमुख के अंतर्गत मेजर जनरल रैंक के अफसर की नियुक्ति की जाएगी।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर के साथ टेलीफोन पर बातचीत कर रक्षा मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री ने सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के भारत के प्रयास के लिए अमेरिकी समर्थन की सराहना की। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 से संबंधित मुद्दे भारत का आंतरिक मामला है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आर्थिक विकास, लोकतंत्र और समृद्धि में सुधार करना है।
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