राफेल विवादः दासौ ने कहा- सौदे में हम जो चाहते थे, वह देने में रिलायंस सक्षम
दासौ का कहना है कि तैयार स्थिति में 36 राफेल विमानों की प्रति विमान कीमत उतनी ही है जितनी संप्रग काल में उड़ान के लिए तैयार हालत में 18 विमानों की थी।
नई दिल्ली [आइएएनएस]। दासौ एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एरिक ट्रैप्पियर ने शनिवार को कहा कि राफेल सौदे में उनकी कंपनी जो चाहती थी वह रिलांयस ही बेहतर तरीके से देने में सक्षम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उड़ान के लिए तैयार स्थिति में 36 राफेल विमानों की प्रति विमान कीमत उतनी ही है जितनी संप्रग काल में उड़ान के लिए तैयार हालत में 18 विमानों की थी।
एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में एरिक ने साफ किया कि दासौ एविएशन ने ही रिलायंस को साझीदार के रूप में चुना था। उन्होंने कहा, 'रिलांयस का चुनाव मेरा था। 2011 में भी रिलांयस का चुनाव मेरा था। हमने पहले सहमति पत्र पर हस्ताक्षर 2012 में किए थे। हमने रिलांयस के साथ बातचीत जारी रखी। जब 36 विमानों के लिए समझौते की घोषणा हुई तो हमने उनके साथ समझौता जारी रखा क्योंकि दासौ की नीति भारत में निर्माण इकाई स्थापित करने की है और मैं भारत में फाल्कन-2000 का उत्पादन करना चाहता हूं जिसमें फाल्कन-2000 की असेंबली लाइन भी शामिल है। इसके लिए मुझे एयर फील्ड की जरूरत है। बिना एयर फील्ड मैं असेंबली लाइन कैसे स्थापित कर सकता हूं? बेंगलुरु बेहद व्यस्त है। यह बहुत ही व्यस्त शहर है और बहुत बड़ा भी है। वहां कोई जमीन भी उपलब्ध नहीं है। यही कहानी मुंबई और दिल्ली की है। मैंने पाया कि नागपुर भारत के मध्य में है और वहां जमीन भी उपलब्ध है। वहां हम नए हैंगर बनाने और कारखाना लगाने के अलावा फाल्कन और राफेल के कलपुर्जे भी बना सकते हैं।'