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साइबर हमले झेल रहे देशों में भारत 21वें स्थान पर, जानें- कौन सा देश है दुश्मन नंबर-1

भारतीय हैकरों ने भी पांच देशों पर साइबर हमले किए हैं। भारत को अपने देश के साइबर अपराधियों के 73 हजार हमले झेलने पड़े। इस साल छह महीने में देश पर इस तरह के 6.95 लाख हमले हुए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 10:53 AM (IST)
साइबर हमले झेल रहे देशों में भारत 21वें स्थान पर, जानें- कौन सा देश है दुश्मन नंबर-1
साइबर हमले झेल रहे देशों में भारत 21वें स्थान पर, जानें- कौन सा देश है दुश्मन नंबर-1

नई दिल्ली/कानपुर [जागरण विशेष]। विश्व पटल पर तकनीक के क्षेत्र में तेजी से उभरता भारत लंबे समय से साइबर अपराधियों का आसान लक्ष्य बना हुआ है। इस साल भी भारत सबसे ज्यादा साइबर हमले झेलने वाले देशों की सूची में 21वें स्थान पर है। हालांकि राहत की खबर ये है कि भारत की साइबर सुरक्षा दिन पर दिन मजबूत हो रही है। इसी साल भारत ने अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा में पहली बार टॉप 10 देशों की सूची में नाम दर्ज कराया है। जानकारों का मानना है कि देश में साइबर लॉ की सख्ती, साइबर जागरूकता और साइबर सुरक्षा को लेकर बड़े पैमाने पर सक्रियता का असर जल्द ही दिखने लगेगा।

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रूस, चीन, अमेरिका और जर्मनी से हो रहे भारत पर साइबर हमले
इस साल की पहली छमाही में भारत पर कुल 6.95 लाख साइबर हमले हुए हैं। अकेले चीन, रूस, अमेरिका, नीदरलैंड और जर्मनी के साइबर अपराधियों ने भारत में कुल 4.3 लाख साइबर हमले किए हैं। इस दौरान भारत को अपने देश में बैठे साइबर अपराधियों के भी 73 हजार से ज्यादा हमलों का सामना करना पड़ा। साइबर सुरक्षा से जुड़ी फिनलैंड की कंपनी एफ-सिक्योर ने इसका खुलासा किया है।

रुस से है सबसे बड़ा साइबर खतरा
कंपनी की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की तरफ से सबसे ज्यादा 2,55,589 साइबर हमले हुए। अमेरिका में बैठे साइबर अपराधियों ने इस दौरान भारत में अपने लक्ष्य को 103,458 बार निशाना बनाया। चीन से 42,544, नीदरलैंड से 19,169 और जर्मनी से 15,330 साइबर हमले हुए।

कमजोर सर्वर बताता है साइबर अटैक के आंकड़े
साइबर हमलों का पता लगाने के लिए एफ-सिक्योर ने दुनियाभर में 41 हनीपॉट स्थापित किए हैं। हनीपॉट एक तरह का सर्वर है, जो वास्तविक आइटी कंपनियों के सर्वर की तरह लगता है, लेकिन कंपनी ने इसे जानबूझकर कमजोर बनाया है ताकि साइबर अपराधी इसे आसानी से अपना लक्ष्य बनाएं। इन हमलों से एक आंकड़ों के आधार पर कंपनी साइबर अपराधियों के लक्ष्यों, हमलों के तरीकों और तकनीक का विश्लेषण कर उससे बचाव के उपाय करती है।

भारत में बैठे साइबर अपराधियों ने भी बनाया पांच देशों को निशाना
एफ-सिक्योर की रिपोर्ट के मुताबिक, साल की पहली छमाही के दौरान भारतीय हैकरों ने भी पांच देशों को अपना निशाना बनाया। भारतीय हैकरों की तरफ से ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, ब्रिटेन, जापान और उक्रेन में कुल 36,563 साइबर हमले किए गए।

साइबर हमलों में अमेरिका नंबर-1, भारत का 21वां स्थान
कंपनी का कहना है कि आंकड़ों से स्पष्ट है कि डिजिटाइजेशन की तरफ तेजी से बढ़ता भारत दुनिया के साइबर अपराधियों के लिए भी लाभकारी लक्ष्य बनता जा रहा है। साइबर हमलों के मामले में दुनिया में भारत का स्थान 21वां है। अपने ही देश में बैठे साइबर अपराधियों के हमलों के मामले में भारत 13वें स्थान पर है। अगर हम बात करें कि किस देश से दुनिया के विभिन्न देशों पर सबसे ज्यादा साइबर हमले हुए तो ब्रिटेन पहले स्थान पर आता है। ब्रिटेन से 9.5 करोड़ से ज्यादा साइबर हमले किए गए। सबसे ज्यादा साइबर हमले झेलने वाले देशों में अमेरिका शीर्ष पर है। इस दौरान अमेरिका में एक करोड़ से ज्यादा साइबर हमले हुए।

अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा में भारत का आठवां स्थान
दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्रतियोगिता ‘कैप्चर द फ्लैग’ में पहली बार भारत टॉप-10 में पहुंचा है। इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 107 देशों की 2700 टीमों ने हिस्सा लिया था। इनमें से 44 टीमें फाइनल में पहुंची थी। प्रतियोगिता में आइआइटी रुड़की की टीम भारत में अव्वल और विश्व स्तर पर आठवें स्थान पर रही। आइआइटी कानपुर में हुई इस प्रतियोगिता के अंतर्गत टीम के सदस्यों ने साइबर अटैक से लड़ने वाला सॉफ्टवेयर बनाया था, जिसका इस्तेमाल कर उन्होंने दिखाया। कई राउंड के बाद उन्हें विजयी घोषित किया गया।

इसी प्रतियोगिता में देश में दूसरे स्थान व विश्व स्तर पर 16वें स्थान पर आइआइटी इंदौर की टीम रही। देश में तीसरे व विश्व में 19वें स्थान पर इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली की टीम रही। इसके अलावा एप्लाइड रिसर्च प्रतियोगिता में आइआइटी मद्रास की टीम विजयी घोषित की गई। दूसरे स्थान पर आइआइटी गांधीनगर की टीम रही।

15 साल पहले प्रतियोगिता की हुई थी शुरूआत
एनवाययू टेंडन के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के प्राध्यापक व ऑनलाइन लर्निग के सह-प्राध्यापक प्रो. नासिर मेमन व छात्रों ने 15 साल पहले साइबर सुरक्षा जागरूकता सप्ताह की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत यह प्रतियोगिता प्रारंभ की गई। आइआइटी कानपुर पिछले तीन वर्ष से इस प्रतियोगिता की भारत में मेजबानी कर रहा है।

एंबेडेड सिक्योरिटी चैलेंज में आइआइटी कानपुर तीन नंबर पर
एंबेडेड सिक्योरिटी चैलेंज में कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की टीम ‘इंस्प्रा’ देश में अव्वल रही। दूसरा स्थान आइआइटी खड़गपुर की टीम ‘सील’ ने प्राप्त किया। तीसरे स्थान पर आइआइटी कानपुर की टीम रही।


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