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CWC Meeting : अगले छह महीनों में कांग्रेस में बदलाव का तैयार होगा पूरा खाका, हर फैसले के लिए सोनिया गांधी को किया अधिकृत

कांग्रेस कार्यसमिति ने इस बीच पांच प्रस्ताव पारित किए है जिसमें पहला कोरोना संकट अर्थव्यवस्था बेरोजगारी और चीनी घुसपैठ को लेकर था जिसमें इसे लेकर चिंता जताई गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 01:44 AM (IST)
CWC Meeting : अगले छह महीनों में कांग्रेस में बदलाव का तैयार होगा पूरा खाका, हर फैसले के लिए सोनिया गांधी को किया अधिकृत
CWC Meeting : अगले छह महीनों में कांग्रेस में बदलाव का तैयार होगा पूरा खाका, हर फैसले के लिए सोनिया गांधी को किया अधिकृत

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष का लेकर फैसला भले ही नहीं हो पाया, लेकिन पार्टी में बदलाव को लेकर नए सिरे से दृढ़ता जरूर दिखाई है। पार्टी ने अगले छह महीने में संगठनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव के संकेत दिए है। इस दौरान एआईसीसी का अधिवेशन बुलाने का भी प्रस्ताव है, जिसमें पार्टी के पूर्ण कालिक अध्यक्ष का भी चुनाव हो सकता है। हालांकि इस दौरान पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर होने वाले सारे बदलावों के लिए सोनिया गांधी को ही अधिकृत किया है। 

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CWC में पारित किए पांच प्रस्ताव 

कांग्रेस कार्यसमिति ने इस बीच पांच प्रस्ताव पारित किए है, जिसमें पहला कोरोना संकट, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और चीनी घुसपैठ को लेकर था। जिसमें इसे लेकर चिंता जताई गई। वहीं दूसरे प्रस्ताव में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की गई है कि वह देश के लोकतंत्र पर किए जा रहे सरकार के हमलों का डटकर मुकाबला करें।

 तीसरा कार्यकर्ताओं से कहा गया कि वह सरकारी नीतियों के खिलाफ मुखर हो और गरीबों की आवाज बने। जबकि चौथे प्रस्ताव में पार्टी ने अपने ही नेताओं को नसीहत दी, कि वह पार्टी के अंदरुनी मामलों को मीडिया या सार्वजनिक मंच पर न रखे, बल्कि उसे पार्टी के मंच पर ही रखे, ताकि अनुशासन और सगंठन की गरिमा बनी रहे। पांचवे प्रस्ताव के जरिए पार्टी ने संगठनात्मक बदलावों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अधिकृत किया।

दो तीन दिनों मे बन सकती है रोजमर्रा के मुद्दों के लिए एक समिति

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की चिट्ठी के बाद बुलाई गई इस बैठक में शुरूआती विवाद के बाद पार्टी नेताओं का पूरा जोर एकजुटता बनाए रखने को लेकर ही था। पार्टी ने अगले दो-तीन दिनों में एक ऐसी कमेटी बनाने के लिए भी संकेत दिए है, जो पार्टी स्तर पर उठने वाले रोजमर्रा के मुद्दों पर बात करे और समस्याओं को सुनेगी। इसमें वरिष्ठ और युवा नेताओं का सामंजस्य हो सकता है।

वैसे ही हाल ही के दिनों में जिस तरह से मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी के भीतर विवाद उठा है, उसे देखते हुए पार्टी पूरी तरह से सतर्क दिखी। यही वजह है कि बैठक के अंत में सोनिया गांधी ने सभी नेताओं को एकजुटता की घुट्टी पिलाई और कहा कि हममें वैचारिक रूप से मतभिन्नता हो सकती है। उन्होंने कहा- मेरा मन में किसी के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है। हम एक परिवार है। साथ ही एक मिशन के लिए काम कर रहे है। ऐसे में सभी को मिलकर लड़ना होगा।' 


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