गांधी परिवार की सुरक्षा की कमान CRPF ने संभाली, पिछले हफ्ते के बाद ये हुआ बदलाव
पिछले हफ्ते एसपीजी की सुरक्षा हटाए जाने के बाद सीआरपीएफ ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चों राहुल और प्रियंका के सुरक्षा जिम्मेदारी को संभाल लिया है।
नई दिल्ली, प्रेट। पिछले हफ्ते एसपीजी की सुरक्षा हटाए जाने के बाद सीआरपीएफ ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चों राहुल और प्रियंका के सुरक्षा जिम्मेदारी को संभाल लिया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। उन्होंने कहा कि इजरायली एक्स -95, एके सीरीज और एमपी -5 गन से लैस केंद्रीय अर्धसैनिक बल के कमांडो की टुकड़ी ने सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास पर काम संभाल लिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड के सांसद राहुल गांधी के तुगलक लेन स्थित आवास और लोधी एस्टेट में प्रियंका गांधी वाड्रा के घर पर सीआरपीएफ का वैसा ही दस्ते को तैनात किया गया है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), जो एक विशेष वीवीआईपी सुरक्षा इकाई है, को विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) को हटाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय आधार पर गांधी परिवार को जेड प्लस कवर प्रदान करने के लिए कहा गया है।
28 साल बाद एसपीजी सुरक्षा के बिना रहेगा गांधी परिवार
उन्होंने कहा कि दस्ते के पास उनके साथ एक कुत्तों का दस्ता भी होगा, जो तीन कांग्रेस नेताओं के परिसर की रखवाली भी करेगा। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के लिए सुरक्षा में एसपीजी सीआरपीएफ की मदद करेगा और उसके बाद सीआरपीएफ (CRPF) वीवीआईपी सुरक्षा दल राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस और राज्यों में विभिन्न पुलिस बलों की सहायता से स्वतंत्र रूप से सुरक्षा प्रदान करेगा। अधिकारियों ने पिछले सप्ताह बताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार को 21 मई, 1991 को लिट्टे के आतंकवादियों द्वारा मारे जाने के बाद पहली बार एसपीजी कवर को वापस लेने का फैसला एक विस्तृत सुरक्षा मूल्यांकन के बाद लिया गया। गांधी परिवार पहली बार 28 साल बाद एसपीजी सुरक्षा के बिना रहेगा। उन्हें सितंबर, 1991 में 1988 के एसपीजी अधिनियम में संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अब लगभग 4 हजार कर्मियों की मजबूत एसपीजी द्वारा संरक्षित होने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। देश में नक्सल विरोधी अभियान और आंतरिक सुरक्षा कार्यों के संचालन के लिए पहचाने वाला प्रमुख सुरक्षा बल सीआरपीएफ (CRPF) के पास लगभग 52 अन्य वीवीआइपी (VVIP) हैं, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और RIL मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी शामिल हैं।
1988 का हुआ था एसपीजी का गठन
एसपीजी का गठन वर्ष 1988 में किया गया था। इसके गठन का उद्देश्य ही प्रधानमंत्री और उनके परिवार समेत विशिष्ट लोगों को खास सुरक्षा प्रदान करना था। इसकी आवश्यकता पहली बार वर्ष 1984 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महसूस की गई थी। इसके बाद आईबी के एक विभाग के तौर पर सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत एक विशेष सुरक्षा दल के गठन का फैसला लिया गया था। एसपीजी के गठन से पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की एक विशेष शाखा के पास थी।