कांग्रेस नेता अहमद पटेल की राज्यसभा सीट पर मंडराया संकट
इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल से राज्यसभा चुनाव से जुड़े मामले की सुनवाई का सामना करने को कहा।
अहमदाबाद, प्रेट्र। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस सांसद अहमद पटेल की राज्यसभा सीट पर संकट मंडरा रहा है। पटेल के गुजरात से 2017 में निर्वाचित होने के खिलाफ भाजपा नेता बलवंत सिंह राजपूत की चुनाव याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने छह मुद्दे निर्धारित कर दिए हैं।
जस्टिस बेला त्रिवेदी ने शुक्रवार को भाजपा नेता की याचिका पर मुद्दे तय किए। अब अदालत अगली सुनवाई 18 जनवरी को करेगी। अदालत के तय किए मुद्दे में राजपूत के आरोपों को शामिल किया गया है। पहले मुद्दे के मुताबिक अहमद पटेल या उनके चुनाव एजेंट ने रिश्वतखोरी या गलत तरीके से चुनाव को प्रभावित करने की कोशिशें की हैं। इसके चलते उनका निर्वाचन अमान्य घोषित किया जा सकता है।
अन्य मुद्दे में कहा गया है कि कांग्रेस विधायक शैलेश परमार और मितेशभाई गरसिया के वोट अवैध घोषित किए जा सकते हैं। साथ ही बागी कांग्रेस विधायक भोलाभाई गोहिल और राघवजी भाई पटेल के वोटों को गलत तरीके से रद करने से नतीजे प्रभावित हुए हैं। एक मुद्दा यह भी तय किया गया जिसमें भारतीय चुनाव आयोग के आदेश पर चिंता जताई गई है। इस फैसले को स्वाभाविक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन माना गया है। इन मुद्दों को जनप्रतिनिधि कानून,1951 की विभिन्न धाराओं के तहत निर्धारित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राजपूत ने अहमद पटेल को 2017 के राज्यसभा चुनाव में चुनाव आयोग की ओर से विजयी घोषित करने के फैसले को चुनौती दी है।
इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल से राज्यसभा चुनाव से जुड़े मामले की सुनवाई का सामना करने को कहा। पटेल ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी। जिसे सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया और राजपूत की चुनाव याचिका को कायम रखा। पटेल का कहना था कि चुनाव आयोग के फैसले को चुनाव याचिका से चुनौती नहीं दी जा सकती है। विगत 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट से राजपूत की याचिका पर पटेल की ताजा अपील पर विचार करने को कहा था। हाईकोर्ट ने अक्टूबर में पटेल की अपील को खारिज कर दिया।