Move to Jagran APP

Covid Vaccine: वैक्सीन को लेकर नेपाल पर भारत की चुप्पी, चीन ने बढ़ाए कदम

पड़ोसी देश नेपाल दो तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। एक तो वहां राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है और दूसरा कोरोना की दूसरी लहर से समूचे देश को अपनी जकड़ में ले रखा है। भारत इन दोनों मामलों में नेपाल की कोई मदद करने की स्थिति में नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 09:20 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 11:36 PM (IST)
Covid Vaccine:  वैक्सीन को लेकर नेपाल पर भारत की चुप्पी, चीन ने बढ़ाए कदम
पड़ोसी देश नेपाल दो तरह की समस्याओं से जूझ रहा है।

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। पड़ोसी देश नेपाल दो तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। एक तो वहां राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है और दूसरा कोरोना की दूसरी लहर से समूचे देश को अपनी जकड़ में ले रखा है। भारत इन दोनों मामलों में नेपाल की कोई मदद करने की स्थिति में नहीं है। भारत ने बुधवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि नेपाल में जो भी राजनीतिक तौर पर हो रहा है वह उसका आंतरिक मुद्दा है। वहीं अपने देश में वैक्सीन की कमी देख भारत नेपाल को वादे के मुताबिक, अतिरिक्त वैक्सीन की आपूर्ति करने की स्थिति में भी नहीं है। दूसरी तरफ, चीन ने ना सिर्फ नेपाल को 10 लाख अतिरिक्त वैक्सीन देने की घोषणा की है बल्कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी भी राजनीतिक तौर पर नेपाल के राजनीतिक दलों के साथ लगातार संपर्क कायम किए हुए है।

loksabha election banner

घरेलू हालात की वजह से नेपाल को वैक्सीन देने की स्थिति में नहीं भारत

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से बुधवार को जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा, 'हमने नेपाल की मौजूदा राजनीतिक गतिविधियों को संज्ञान में लिया है। हम इसे नेपाल के आंतरिक मुद्दे के तौर पर देखते हैं जिसे उसे अपने आंतरिक फ्रेमवर्क और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत सुलझाना होगा। एक पड़ोसी व मित्र देश होने के नाते हम नेपाल व इसकी जनता की प्रगति, शांति व विकास की यात्रा में मदद करते रहेंगे।' 

नेपाल के आंतरिक राजनीतिक मुद्दे में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी नहीं करने की भारत की पुरानी रणनीति है। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि नेपाल की जनता जिस भी पार्टी को चुनेगी, वह उसके साथ अपने रिश्तों को आगे बढ़ाएगा। माना जा रहा था कि भारत की तरफ से नेपाल की तरफ से बार-बार वैक्सीन मांगने को लेकर कुछ कहा जाएगा, लेकिन भारत ने इस विषय में पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। भारत अभी खुद ही कोविड-19 की वैक्सीन की भारी कमी से जूझ रहा है। मोदी सरकार ने पूर्व में दूसरे देशों को जो वैक्सीन बांटे हैं उसी को लेकर विपक्षी दल उसे निशाने पर ले रहे हैं।

कोविड-19 के संक्रमण से हल्कान नेपाल में चीन की पैठ बढ़ी

भारत के इस बयान के कुछ घंटे बाद नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बात की। इसके बारे में काठमांडू में चीन की राजदूत हऊ यांकी ने बताया है कि बैठक में नेपाली राष्ट्रपति की तरफ से वैक्सीन की मांग की और चीन के राष्ट्रपति ने तत्काल 10 लाख वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। चीन पहले ही भी नेपाल को आठ लाख वैक्सीन दे चुका है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बुधवार को ही चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी और नेपाल के विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के साथ अलग से बैठक हुई। इसमें नेपाल के कई प्रमुख सांसद जैसे पुष्पकमल दहल, नेपाली कांग्रेस के विदेश विभाग के प्रमुख नारायण खड्का भी शामिल हुए हैं। 

बैठक में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की तरफ से नेपाल को ऑक्सीजन जेनरेटर्स देने की घोषणा अलग से की गई है। यह चीन की सरकार की तरफ से भेजी जा रही मदद के अलावा होगी। सूचना है कि नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भी वैक्सीन के लिए पत्र लिखा है। नेपाल के समाचार पत्रों के मुताबिक भंडारी ने भारतीय राष्ट्रपति को व्यक्तिगत स्तर पर मदद करने का आग्रह किया है, ताकि नेपाल को भारतीय कंपनियों की तरफ से वैक्सीन मिल सके। नेपाल पहले भी आग्रह कर चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.