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तेलंगाना में वेतन में भारी कटौती, केसीआर सरकार का 75 फीसद तक सैलरी कट का फैसला

तेलंगाना सरकार ने फैसला किया है कि राज्य के मुख्यमंत्री राज्य मंत्रिमंडल एमएलसी विधायक राज्य निगम अध्यक्ष और स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के वेतन में 75 प्रतिशत कटौती होगी।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 09:39 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 09:39 AM (IST)
तेलंगाना में वेतन में भारी कटौती, केसीआर सरकार का 75 फीसद तक सैलरी कट का फैसला
तेलंगाना में वेतन में भारी कटौती, केसीआर सरकार का 75 फीसद तक सैलरी कट का फैसला

हैदराबाद, एएनआइ। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भारत में हर स्‍तर पर प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्‍य सरकारें भी अपने स्‍तर पर युद्ध स्‍तर पर तैयारियां कर रही हैं। इनमें फंड जुटाने से लेकर लोगों की सुरक्षा के लिए बनाए जा रहे कड़े नियम भी शामिल हैं। इस महामारी ने राज्‍य सरकारों का बजट भी बिगाड़ दिया है। इस बीच तेलंगाना की आर्थिक स्थिति पर सोमवार को एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई गई। इस बैठक में राज्‍य की वित्तीय स्थिति पर समीक्षा के बाद राज्य के मुख्यमंत्री, आइएएस समेत हर वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी में भारी कटौती की गई है।

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मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना सरकार ने फैसला किया है कि राज्य के मुख्यमंत्री राज्य मंत्रिमंडल, एमएलसी, विधायक, राज्य निगम अध्यक्ष और स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के वेतन में 75 प्रतिशत कटौती होगी। जबकि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों के वेतन में 60 फीसद करने का फैसला लिया गया। वहीं, अन्य कर्मचारियों की तनख्‍वा में 50 फीसद कटौती की जाएगी। राज्य के चतुर्थ श्रेणी, आउटसोर्सिंग और अनुबंधित कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती होगी। सरकार का कहना है कि इससे राज्‍य में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पैसे की कुछ कमी दूर होगी।

ऐसा अनुमान है कि 1 अप्रैल को आने वाली सैलरी के लिए ये वेतन कटौती का आदेश प्रभावी होगा। राज्य सरकार की तरफ से वेतन कटौती का औपचारिक आदेश आज जारी हो सकता है, जिससे ये साफ होगा कि वेतन और पेंशन में कटौती का ये फैसला सिर्फ एक महीने के लिए है या आने वाले कुछ महीनों के लिए। हालांकि, अभी तक जितनी भी योजनाएं बनाई गई हैं, उनकी अवधि तीन महीने की रखी गई है। इसलिए हो सकता है कि वेतन में कटौती का निर्णय भी तीन महीने के लिए लागू हो।


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