Coronavirus: सोनिया ने कांग्रेस शासित राज्यों में मुहिम तेज करने के लिए गठित किया टास्क फोर्स
वाणिज्यिक और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद होने के कारण हजारों प्रवासी श्रमिक अपने घर के लिए पैदल ही रवाना हो रहे हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-19 के चलते उत्पन्न गंभीर स्थिति से निपटने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के प्रयासों को तेज करने की खातिर एक टास्क फोर्स का गठन किया है। कांग्रेस शासित राज्यों में घोषणापत्र कार्यान्वयन समितियों के अध्यक्ष इस कार्यबल के सदस्य हैं। इसमें कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम, जयराम रमेश, ताम्रध्वज साहू और एम वीरप्पा मोइली को भी शामिल किया गया है।
कोरोना वायरस को रोकने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों में टास्क फोर्स गठित
पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि टास्क फोर्स के सदस्य संबंधित कांग्रेस शासित राज्य सरकारों के साथ तुरंत काम शुरू कर देंगे, ताकि लोगों की परेशानी कम हो सके। उल्लेखनीय है कि सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मंगलवार आधी रात से 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया है।
प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी पर सोनिया गांधी चिंतित
वाणिज्यिक और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद होने के कारण हजारों प्रवासी श्रमिक अपने घर के लिए पैदल ही रवाना हो रहे हैं। सोनिया गांधी के अलावा पार्टी के नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रवासी श्रमिकों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर चिंता व्यक्त की है।
कोरोना को हराना है
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि पार्टी के सभी सांसद कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए अपने वार्षिक विकास कोष से केंद्रीय राहत कोष में एक करोड़ रुपये जारी करेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के सभी सांसद और विधायक एक माह का वेतन भी इसके लिए दान करेंगे।
भाजपा के सभी सांसद और विधायक एक महीने का वेतन केंद्रीय राहत कोष में करेंगे दान
नड्डा ने ट्वीट किया कि भाजपा के सभी सांसद और विधायक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करने के लिए एक महीने का वेतन केंद्रीय राहत कोष में दान करेंगे। भाजपा के सभी सांसद अपने विकास कोष से केंद्रीय राहत कोष में एक करोड़ रुपये सहायता के रूप में जारी करेंगे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भाजपा के पास 386 सांसद हैं- लोकसभा में 303 और राज्यसभा में 83। एक सांसद को संसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत हर साल पांच करोड़ रुपये मिलते हैं।