संसद में भी दिखने लगा कोरोना का असर, तृणमूल सांसदों को सत्र छोड़ अपने-अपने क्षेत्र लौटेने का आग्रह
पत्र में कहा गया है कि उनकी पार्टी पिछले दस दिन से सरकार से सत्र संपन्न करने की मांग कर रही है लेकिन उनकी बात पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को निर्देश दिया है कि वे संसद सत्र छोड़कर अपने-अपने क्षेत्र में लौट आयें।
राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रियेन व लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को पत्र लिखकर सोमवार 23 मार्च तक सदन की कार्यवाही संपन्न करने का आग्रह किया है। वर्तमान में तृणमूल के लोकसभा में 22 व राज्यसभा में 13 सदस्य हैं।
65 साल से अधिक उम्र के लोगों को इस बीमारी से सर्वाधिक खतरा
पत्र में कहा गया है कि उनकी पार्टी पिछले दस दिन से सरकार से सत्र संपन्न करने की मांग कर रही है लेकिन उनकी बात पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि लोग एक दूसरे से मिले-जुले नहीं और न ही बड़ी संख्या में एक स्थान पर जमा हों। 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को इस बीमारी से सर्वाधिक खतरा है। इस समय राज्यसभा में 44 फीसद और लोकसभा में करीब 22 फीसद, 65 साल से अधिक उम्र के हैं। पत्र में कहा गया है कि अकेले सांसदों ही नहीं बल्कि संसद भवन परिसर में हर दिन आने वाले अन्य लोगों के लिए भी इस समय बहुत खतरा है। ऐसे में पार्टी ने अपने सभी सांसदों से सत्र छोड़कर अपने क्षेत्र में जाने को कहा है।
31 मार्च तक ज्यादा जिलों में लॉकडाउन
बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच बड़ा फैसला लिया है। भारत सरकार ने 75 जिलों में लॉकडाउन के आदेश दिए हैं। 31 मार्च तक इन जिलों में ट्रेन,बस और मेट्रो सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 6 तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र में जहां 63 साल के एक मरीज ने बीती रात दम तोड़ दिया तो वहीं बिहार में पटना एम्स में एक 38 साल के व्यक्ति की बीती रात मौत हो गई। वहीं भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।