अमित शाह बोले- भारत के लिए मध्यम मार्ग का सहकारी माडल सबसे उपयुक्त, आर्थिक विकास का नया माडल बनेगी सहकारिता
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि बेहतर जीवन जीने की इच्छा रखने वाले 70 करोड़ गरीबों की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहकारिता क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता ही आर्थिक विकास का नया माडल बनेगा, जो देश को आत्मनिर्भर बना सकता है। लेकिन इसके लिए सहकारी क्षेत्र को खुद पर कठोर नियंत्रण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश की 70 प्रतिशत आबादी की मूलभूत अपेक्षाएं सहकारिता के माध्यम से पूरी हो सकती हैं, जो देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोगी बन सकते हैं। सहकारिता मंत्री शाह सोमवार को 100वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
शाह ने कहा, 'सवा सौ साल की सहकारी गतिविधियों से मजबूत बुनियाद तैयार है, जिस पर बुलंद सहकारिता की इमारत खड़ी की जा सकती है। सहकारिता का यही प्रारुप विश्व को मजबूत और टिकाऊ अर्थव्यवस्था दे सकते हैं। दुनिया ने पूंजीवाद और साम्यवाद दोनों माडल अपनाए, लेकिन ये दोनों ही एक्सट्रीम माडल है। सहकारी माडल मध्यम मार्ग और यह भारत के लिए सबसे उपयुक्त है, जो संतुलित विकास पर जोर देता है।'
भारत के 51 प्रतिशत गांवों की समितियां सहकारिता से जुड़ी हैं। विश्व की 12 प्रतिशत आबादी सहकारिता से जुड़ी हुई है। दुनियाभर में 300 सहकारी संस्थाएं हैं जो आज सफलता की मिसाल बनी हुई हैं। इनमें भारत की तीन सहकारी संस्थाएं इफको, कृभको और अमूल प्रमुख हैं। सहकारिता को विफल बताने वालों को खारिज करते हुए उन्होंने विस्तार से कुछ आंकड़े भी पेश किए।
उन्होंने कहा कि गरीब को विकास से जोड़ने के लिए सहकारिता एकमात्र रास्ता है। पेट की भूख और अन्य मूलभूत जरूरतों में उलझी 70 प्रतिशत आबादी भला विकास के सपने कैसे देख सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वजह से अब यह बड़ी आबादी देश के विकास का सपना देख सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था को 50 साल होने पर बदलती हुए परिवेश में उससे जुड़े कानून को बदलना पड़ता है। लेकिन सहकारिता में बदलाव नहीं हुआ है। इसके लिए सहकारी क्षेत्र में खुद पर कठोर नियंत्रण लागू करना होगा। देश की सक्रिय 63 हजार प्राथमिक सहकारी समितियां, जिला, राज्य सहकारी बैंक और नाबार्ड के बीच पारदर्शी समन्वय बनाने के लिए पूरे सिस्टम को डिजिटल किया जा रहा है।
प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन के लिए लैब खोलेगी अमूल
शाह ने कहा कि अमूल को प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने और जैविक उत्पादों के सर्टिफिकेशन के लिए देश के हर जिले में एक उच्च स्तरीय आधुनिक लेबोरेटरी स्थापित करने का दायित्व सौंपा गया है। इन लैबों में मिट्टी और उत्पादों को प्रमाणित किया जाएगा। इसी तरह बीज सुधार योजना के लिए इफको और कृभको को चुना गया है।
राशन दुकान, पेट्रोल पंप और स्कूल भी चलाएगा पैक्स
प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटी (पैक्स) में सुधार के लिए सभी राज्यों को एक माडल बायलाज भेजा है। तैयार कर भेज दिया गया है। इसमें 25 प्रकार के ग्रामीण उद्यमों को जोड़ा गया है। बायलाज पर राज्यों से 19 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं। राज्यों को भेजे गए बायलाज के लागू होने पर पैक्स को राशन दुकान, गैस वितरण, गोदाम, कोल्ड स्टोर, पेट्रोल पंप, अस्पताल और स्कूल संचालन का भी मौका मिलेगा। देश में फिलहाल 63 हजार पैक्स हैं, जिसे बढाकर तीन लाख करने का लक्ष्य है।