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CWC Meet: जेएनयू हिंसा-सीएए पर 11 को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, विपक्षी नेताओं के साथ भी होगी मंत्रणा

कांग्रेस सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध को देखते हुए सरकार के खिलाफ निर्णायक सियासी लड़ाई के लिए विपक्षी दलों का साथ जरूरी मान रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 08:33 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 03:07 AM (IST)
CWC Meet: जेएनयू हिंसा-सीएए पर 11 को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, विपक्षी नेताओं के साथ भी होगी मंत्रणा
CWC Meet: जेएनयू हिंसा-सीएए पर 11 को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, विपक्षी नेताओं के साथ भी होगी मंत्रणा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने जेएनयू में छात्रों के साथ हुई बेरहम हिंसा के साथ नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देश भर में हो रहे आंदोलन पर चर्चा के लिए पार्टी कार्यसमिति की शुक्रवार को बैठक बुलाई है। इस बैठक में सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों को ही नहीं बल्कि छात्रों की आवाज दबाने की सत्ता की कोशिशों पर विचार मंथन कर पार्टी अपनी जवाबी सियासी रणनीति तय करेगी।

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13 जनवरी को सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर कांग्रेस ने विपक्षी नेताओं की बुलाई बैठक

जेएनयू में छात्रों से मारपीट विवाद के साए में हो रही कार्यसमिति की यह बैठक इस लिहाज से भी अहम है कि 13 जनवरी को सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक प्रस्तावित है। वैसे भी कांग्रेस ने विपक्षी नेताओं की यह बैठक बुलाई है जिसमें यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी से लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शरद पवार से लेकर सीताराम येचुरी सरीखे नेताओं के शामिल होने की संभावना है। ऐसे में कांग्रेस सीएए-एनआरसी पर विपक्षी सियासत की अगुआई करने के लिए अपनी राजनीतिक रणनीति पर पार्टी के शीर्ष नेताओं से मशविरा करना चाहती है।

कांग्रेस कार्यसमिति की 11 जनवरी को बैठक में सीएए-एनआरसी-एनपीआर पर होगी मंत्रणा

कार्यसमिति की 11 जनवरी को प्रस्तावित बैठक का एजेंडा अभी आधिकारिक तौर पर भेजा नहीं गया है मगर पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएए-एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर इसमें मंत्रणा होगी। पार्टी देश में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध को देखते हुए सरकार के खिलाफ निर्णायक सियासी लड़ाई के लिए दूसरे विपक्षी दलों का साथ जरूरी मान रही है।

सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे छात्र और युवाओं के साथ है विपक्ष

कांग्रेस सूत्रों ने यह भी कहा कि जिस तरह जेएनयू, जामिया, एएमयू से लेकर देश के तमाम विश्वविद्यालय में छात्र और युवा मौजूदा सरकार की तमाम नीतियों के खिलाफ मुखर आवाज उठा रहे उसमें अब राजनीतिक विरोध की लड़ाई लड़ना विपक्ष का दायित्व बन गया है। कार्यसमिति में जाहिर तौर पर इस लड़ाई को किस तरह आगे बढ़ाया जाए इस पर मंत्रणा होगी।


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