कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
आइएनएक्स मीडिया कंपनी मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है।
चेन्नई (एएनआई)। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में गुरुवार को कार्ति चिंदबरम की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में चेन्नई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया। इसके पहले ही उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) एस. भास्कर रमन को भी गिरफ्तार किया गया था।
कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से 15 दिन की रिमांड पर भेजने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट की ओर से एक दिन की रिमांड पर भेजा गया।
पिछले साल कार्ति के खिलाफ मामला दायर
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल मई में कार्ति चिदंबरम पर एक केस दायर किया था जिसमें विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफ़आईपीबी) ने कानूनी सीमा से अधिक के विदेशी निवेश प्राप्त करने के लिए आइइनएक्स मीडिया को मंज़ूरी में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। ये आइएनएक्स मीडिया में 300 करोड़ के विदेशी निवेश का मामला था जब पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। प्रवर्तन निदेशालय ने अनुसार कार्ति चिदंबरम पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
पी चिदंबरम में सुप्रीम कोर्ट में डाली थी याचिका
सीबीआइ का कहना है कि कार्ति जांच प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने अपने व अपने परिवार को लगातार परेशान किए जाने की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले ही याचिका दायर कर दी थी। लेकिन चिदंबरम की याचिका शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिये लिस्टेड होने से पहले ही सीबीआई ने कार्ति चिदबंरम को गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई का कार्ति पर आरोप-
आइएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति को दस लाख रुपए मिले थे। ईडी ने इस प्रकरण में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। चिदबंरम ने कहा है कि वित्त मंत्री होने के नाते उन्होंने आइएनएक्स मीडिया प्रकरण और एयरसेल-मैक्सिस प्रकरण मे सामान्य सरकारी कामकाज के दौरान विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी दी थी। अपने कार्यो का निर्वहन करने के दौरान उन्होंने कभी भी अपने परिवार के किसी सदस्य को या किसी अन्य व्यक्ति को सरकारी कामकाज को प्रभावित करने या उसमे हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी।