पेट्रोल और डीजल की महंगाई के खिलाफ सियासी आग जलाएगी कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की यह महंगाई आर्थिक आतंकवाद नहीं तो और क्या है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग के खिलाफ कांग्रेस ने विपक्षी दलों को साथ लेकर एनडीए सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। पार्टी ने कहा है कि कच्चा तेल सस्ता होने के बाद भी डीजल-पेट्रोल कीमतों में भारी इजाफा कर जनता को बेरहमी से लूट रही है। पेट्रो उत्पादों की इस रिकार्ड तोड़ महंगाई के मद्देनजर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए सभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की 6 सितंबर को बैठक बुलाई है। सरकार पर कीमतें घटाने का दबाव बढ़ाने के लिए कांग्रेस दूसरे विपक्षी दलों के साथ संयुक्त सियासी रणनीति बनाने की रूपरेखा पर भी मंत्रणा कर रही है।
कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और कोषाध्यक्ष अहमद पटेल जैसे पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकार दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं से विपक्ष के संयुक्त प्रहार की रूपरेखा तय करने में जुटे हैं। पार्टी साफ तौर पर पेट्रोल-डीजल की महंगाई के मामले में भाजपा के 2014 के पहले के बयानों और दावों तथा उसकी सरकार की मौजूदा सच्चाई को जनता के बीच आक्रामक तरीके से पेश करना चाहती है।
विपक्षी दलों को साथ लेकर भाजपा सरकार को घेरेगी कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, एनसीपी नेता शरद पवार, द्रमुक के नये प्रमुख बने स्टालिन के अलावा वामपंथी दलों से भी कांग्रेस नेता सरकार के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त आंदोलन की योजना पर मंत्रणा कर रहे हैं। एनडीए सरकार के खिलाफ महंगाई के मुद्दे को मुखर बनाने के लिए नरेंद्र मोदी के पीएम बनने से पहले के बयानों के साथ भाजपा के दिग्गजों की टिप्पणियों का पुलिंदा जुटाया जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यूपीए के समय पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक बार हुई वृद्धि को आर्थिक आतंकवाद बताने के भाजपा के एक नेता के बयान का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि यह नेता मोदी सरकार में मंत्री भी रहे हैं और भाजपा की इस परिभाषा के हिसाब से पेट्रोल-डीजल की यह महंगाई आर्थिक आतंकवाद नहीं तो और क्या है।
सस्ते कच्चे तेल के बाद भी जनता को बेरहमी से लूट रही सरकार
पेट्रोल की कीमतों के 86 रुपये और डीजल के 76 रुपये प्रति लीटर पार करने को हैरतअंगेज बताते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि जब भारतीय बास्केट का कच्चा तेल औसतन 70 डालर प्रति बैरल है तो जनता से इतनी महंगी कीमत वसूलना उनकी जेब पर डाका डालना है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों के हिसाब से टैक्स मिलाकर पेट्रोल 39 रुपये तो डीजल 37.50 रुपये प्रति लीटर होना चाहिए मगर सरकार ने टैक्स बढ़ा-बढ़ा कर जनता पर बोझ डाल रही है। इसके पक्ष में मनीष तिवारी ने तर्क दिया कि जब यूपीए वन सरकार के समय कच्चे तेल ने अब तक के सबसे महंगे स्तर 145 डालर प्रति बैरल को छुआ था तब पेट्रोल की कीमत बढ़कर 50.52 रुपये तो डीजल 37.76 रुपये प्रति लीटर हुई थी।
भाजपा सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन होगा
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस हकीकत के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें नहीं घटायीं तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भाजपा सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन होगा।