Congress Chintan Shivir 2022 : भाजपा के चुनावी माडल से मुकाबले का भी संकल्प लेगी कांग्रेस, उदयपुर में आज से है पार्टी का चिंतन शिविर
पार्टी मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चिंतन शिविर में पार्टी के संकट की राह निकालते हुए 2024 की लड़ाई की तैयारी के लिए भाजपा की धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला करने की दिशा भी तय होगी।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। उदयपुर में 13 से 15 मई तक होने जा रहे चिंतन शिविर में कांग्रेस अपनी संगठनात्मक कमजोरियों पर आत्ममंथन और 2024 के लिए दशा-दिशा तय करने के साथ ही भाजपा-संघ के कथित ध्रुवीकरण चुनावी माडल के खिलाफ स्पष्ट राजनीतिक लड़ाई की घोषणा भी करेगी। उदयपुर से उम्मीदों का सूरज निकलने की आस जताते हुए पार्टी ने बेबाकी से स्वीकार किया है कि उसकी मौजूदा संगठनात्मक खामियों और चुनौतियों का रातोंरात समाधान निकालने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है। चिंतन शिविर में पार्टी आत्मचिंतन, आत्मावलोकन और आत्ममंथन कर बदलते समय की जरूरतों के अनुरूप संगठन में बदलावों पर जरूर आगे बढ़ेगी। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के राजनीतिक चिंतन में होने वाले बदलावों का संकेत देने के लिए कार्यसमिति के कुछ सदस्यों के साथ ट्रेन से उदयपुर रवाना हो गए हैं।
चिंतन शिविर को बेहद अहम करार देते हुए पार्टी मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस की चुनावी पराजयों की पृष्ठभूमि में गंभीर हुई चुनौती की बात स्वीकार की। साथ ही कहा कि देश की वर्तमान चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए कांग्रेस को अपनी कमजोरियों से उबरना होगा। देश की अपेक्षाओं के अनुरूप कांग्रेस को अपनी संगठनात्मक क्षमता, दक्षता, कार्यकुशलता और कार्यशैली का न सिर्फ मूल्यांकन करना होगा बल्कि वर्तमान चुनौतियों और परिस्थितियों के अनुरूप ढालना भी होगा।
कांग्रेस चिंतन शिविर में इन मुद्दों पर करेगी खास चर्चा
उन्होंने कहा, चिंतन शिविर में पार्टी के संकट की राह निकालते हुए 2024 की लड़ाई की तैयारी के लिए भाजपा की धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला करने की दिशा भी तय होगी। सुरजेवाला ने कहा कि महंगाई की गंभीर मार हो, चीन का लद्दाख के इलाके में अवैध कब्जा, गंभीर बेरोजगारी, डांवाडोल अर्थव्यवस्था या फिर किसानों की आय दोगुनी तो दूर एमएसपी की गारंटी नहीं होने जैसी तमाम समस्याओं पर पर्दा डालने के लिए मोदी सरकार और भाजपा धर्माधता फैला रही है। हिंदू-मुसलमानों के बीच विभाजन का बीज बोकर भाजपा लगातार इसमें अपनी चुनावी जीत तलाश रही है। तरक्की, रोजगार, खेती और उद्योग-धंधे-कारोबार चुनाव के मुद्दे नहीं रह गए हैं। इसके विपरीत बुलडोजर, लाउडस्पीकर, शमशान, कब्रिस्तान, खान-पान, पहनावे से लेकर भाषा के नाम पर नफरत की राजनीति परोसी जा रही है।
सुरजेवाला के अनुसार, उदयपुर चिंतन शिविर में पार्टी और देश की इन चुनौतियों का हल निकालने की दिशा तय करने के लिए ही 430 पार्टी प्रतिनिधियों को छह अलग समूहों में बांटा गया है। इन विषयों पर व्यापक चिंतन-मंथन का जो निष्कर्ष निकलेगा, वह कांग्रेस को न केवल वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से उबारकर एक नई दिशा देगा, बल्कि भारत के गौरवशाली भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि उदयपुर में कांग्रेस एक बार फिर देश को प्रगति, समृद्धि और उन्नति के पथ पर लाने के लिए एक 'नव संकल्प' लेने जा रही है।