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दिग्विजय सिंह की हिरासत पर राज्यसभा में कांग्रेस का हंगामा, सरकार से जवाब देने की मांग

सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने दिग्विजय सिंह के हिरासत में लेने का मुद्दा उठायालेकिन सभापति ने उस समय उसे अनसुना करते हुए टाल दिया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 10:36 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 10:40 PM (IST)
दिग्विजय सिंह की हिरासत पर राज्यसभा में कांग्रेस का हंगामा, सरकार से जवाब देने की मांग
दिग्विजय सिंह की हिरासत पर राज्यसभा में कांग्रेस का हंगामा, सरकार से जवाब देने की मांग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने बैंगलूरु पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद दिग्विजय सिंह को हिरासत में लिए जाने को लेकर बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने जमकर हंगामा किया।

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राज्यसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने दिग्विजय सिंह के हिरासत में लेने का मुद्दा उठाया,लेकिन सभापति ने उस समय उसे अनसुना करते हुए टाल दिया। इस दौरान सदन में कई मंत्रालयों के पेपर प्रस्तुत किए गए। उसके बाद शून्य काल शांतिपूर्ण तरीके से शुरु हुआ।

सभापति ने ठुकराई मांग

हालांकि शून्य काल खत्म होते समय कांग्रेस सदस्य अचानक अपनी सीटों से उठे और सभापति से दिग्विजय सिंह को हिरासत में लेने का मुद्दा उठाने की अनुमति मांगने लगे। सभापति ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया। साथ ही कहा कि पहले से इसे लेकर कोई नोटिस नहीं मिला है। ऐसे में वह इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दे सकते है।

वहीं, लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पत्रकारों से बात में कहा कि दिग्विजय सिंह राज्यसभा के प्रत्याशी है। वह अपनी पार्टी के विधायकों से मिलने गए थे। उन्होंने उनकी गिरफ्तारी को भाजपा की तानाशाही बताया।

दिग्विजय सिंह हिरासत में 

बता दें कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने पहुंचे। उन्होंने इन्हें राज्यसभा चुनाव का मतदाता बताया। आठ मंत्री और तीन विधायक भी उनके साथ बेंगलुरु पहुंचे हैं। वहां इन सबको कर्नाटक पुलिस ने रिसोर्ट में ठहरे विधायकों से मिलने से रोका तो सभी लोग सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। पुलिस कमिश्नर से मिलने की मांग पर अड़ गए तो उन्हें हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया। बाद में गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़ दिया गया। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट कर कहा है कि लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक मूल्यों व अधिकारों का दमन किया जा रहा है।


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