मप्र में सियासी भंवर में फंसी कांग्रेस अब भाजपा नेताओं के खिलाफ हुई आक्रामक
सियासी जोड़-तोड़ में लापता तीन कांग्रेस विधायकों बिसाहूलाल सिंह हरदीप सिंह डंग और रघुराज सिंह कंसाना के अब भी नहीं लौटने से सस्पेंस कायम है।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में सियासी भंवर में फंसी कांग्रेस अब पलटवार में भाजपा नेताओं के खिलाफ और भी ज्यादा आक्रामक हो गई है। इसी कड़ी में शनिवार को भाजपा विधायक संजय पाठक के बांधवगढ़ के रिसोर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया। पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह की संपत्तियों की छानबीन शुरू कर दी गई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अन्य नेताओं और पूर्व मंत्रियों के खिलाफ फाइलें खोली जा रही हैं।
भाजपा ने भी सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया
गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार ने ज्यादातर भाजपा नेताओं की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को हटा दिया है। कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप झेल रहे नरोत्तम मिश्रा पर ईओडब्ल्यू (आर्थिक अन्वेषण शाखा) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। भाजपा ने भी सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है।
भाजपा विधायक संजय पाठक के बांधवगढ़ के रिसोर्ट पर प्रशासन ने चलाया बुलडोजर
विधायक संजय पाठक ने अपनी जान का खतरा बताकर कमलनाथ सरकार को घेरने की कोशिश की तो शनिवार को उनके बांधवगढ़ के रिसोर्ट पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया। इसके पहले कोर्ट के आदेश पर उनके परिवार की सिहोरा स्थित आयरन खदान भी सील कर दी गई थी।
पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह भी सरकार के निशाने पर
पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को भी सरकार ने निशाने पर लिया है। सागर में उनकी संपत्तियों की छानबीन शुरू कर दी गई है। सरकार ने एक और पूर्व मंत्री और भोपाल के विधायक विश्वास सारंग पर भी नजर टिका दी है। सारंग का भोपाल में एक बंगला है, जहां एक शोरूम खोला गया है। आवासीय प्रयोजन की भूमि पर व्यावसायिक उपयोग होने से उन पर तलवार लटकी हुई है। चूंकि, यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है, इसलिए सीधी कार्रवाई तो नहीं हो रही है, लेकिन विधिक पैरवी तेज कर उनको घेरने की योजना बनी है।
होली के बाद भाजपा नेताओं पर कड़ी कार्रवाई का अंदेशा
इस बीच संकेत मिले हैं कि घपलों और घोटालों में घिरे कुछ जनप्रतिनिधियों को घेरने के लिए गवाहों को सक्रिय किया जा रहा है। कुछ खास अधिकारियों को इसके लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। सेक्स स्कैंडल से लेकर विभिन्न घोटालों में कुछ विधायकों को घेरने की भी रणनीति बनाई गई है। होली के बाद इसमें बड़ी कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे हैं। चूंकि, राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस दो सीटों पर अपनी बढ़त बनाना चाहती है, इसलिए भी वह साम, दाम, दंड और भेद का हर अस्त्र इस्तेमाल करने में जुटी है।
कमलनाथ से मिलकर शेरा बोले-होली बाद बनूंगा मंत्री
करीब एक सप्ताह से चल रही सियासी उठापटक के एक प्रमुख किरदार निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा शनिवार को बेंगलुरु से दिल्ली होते हुए भोपाल पहुंच गए। उन्हें कांग्रेस के मंत्री एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलवाने ले गए। शेरा के साथ उनकी पत्नी जयश्री ठाकुर व बेटी सुरभि भी थीं। कमलनाथ से मुलाकात के बाद शेरा ने होली के बाद मंत्री बनाए जाने की संभावना जताई। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि मप्र विधानसभा के बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। शेरा शाम को फिर दिल्ली लौट गए।
कांग्रेस के तीन विधायकों पर सस्पेंस बरकरार
दूसरी तरफ सियासी जोड़-तोड़ के घटनाक्रम में लापता तीन कांग्रेस विधायकों बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग और रघुराज सिंह कंसाना के अब भी नहीं लौटने से सस्पेंस कायम है। वहीं, भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मिलने उनके सरकारी निवास पर पहुंचे। पहले भी वे मुख्यमंत्री व अध्यक्ष से मुलाकात कर चुके हैं।