चिदंबरम के खिलाफ बेटी की हत्या की आरोपी को बनाया गया है गवाह: रणदीप सुरजेवाला
प्रेस कांफ्रेंस में पी चिदंबरम की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या की जा रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में पी चिदंबरम की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। बता दें कि कांग्रेस के पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा, '40 साल के समर्पित सार्वजनिक जीवन वाले एक अनुभवी व्यक्ति को जेल में बंद महिला के बयान पर गिरफ्तार किया गया है, जिस पर अपनी ही बेटी की हत्या का आरोप है और जेल से स्वीकृति का बयान दिया गया है।'
सम्मानित अर्थशास्त्रियों में हैं चिदंबरम
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘पी चिदंबरम भारत के सम्मानित अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं में से एक हैं। उन्होंने हर बार जांच अधिकारियों को सहयोग किया है। सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील के रूप में उनके पास संविधान के लिए सर्वोच्च सम्मान है। उन्होंने किसी कार्रवाई को नहीं टाला और न ही ऐसा इरादा था।’
आधी रात को गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं
सुरजेवाला के अनुसार, चिदंबरम की प्रतिष्ठा को अपमानित और कलंकित करने के भाजपा सरकार के निम्नस्तरीय इरादे के अलावा सीबीआई और ईडी के पास धावा बोलकर उन्हें आधी रात को गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं था। उन्होंने कहा, 'कुछेक कठपुतली समाचार चैनलों के साथ सांठ-गांठ करके भाजपा प्रचार मशीन पूरी तरह से बेबुनियाद, नकली समाचार और एकमुश्त झूठ के लिए काम करती है। तथ्य उनके दावे का समर्थन नहीं करते हैं।'
मामला वर्ष 2007 का
सुरजेवाला ने बताया कि मामला वर्ष 2007 से संबंधित है और चिदंबरम की गिरफ्तारी मामले के 12 साल बाद और पीएम मोदी के सत्ता में आने के 6 साल बाद की गई। न तो उन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है, न ही कंपनी के अधिकारियों को, जिन्होंने अपराध किया है। आइएनएक्स मीडिया मामले में न तो चिदंबरम और न ही उनके बेटे पर किसी अपराध का आरोप लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, FIR में पी. चिदंबरम के खिलाफ कोई अपराध नहीं बताया गया है और न ही आज तक कोई आरोप पत्र दायर किया गया है।
चिदंबरम के खिलाफ न सबूत न गवाह
कार्ति चिदंबरम पर उसी मामले में 4 बार छापा मारा गया, गिरफ्तार किया गया और जमानत पर रिहा किया गया। वह 20 से अधिक समन के जवाब में पेश हुए। फिर भी जांच अधिकारियों के पास पी. चिदंबरम के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश करने के लिए कोई सबूत नहीं है। मामला एक ऐसी महिला की गवाही पर है, जो वर्तमान में जेल में है, उस पर अपनी ही बेटी की हत्या का मुकदमा चलाया जा रहा है। देश के लोगों के सामने स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि वह कौन सी डील है जो जेल में की गई है?
भाजपा का राजनीतिक प्रतिशोध
सुरजेवाला ने कहा, ‘पिछले दो दिनों में देश दिनदहाड़े लोकतंत्र के साथ न्याय की हत्या का गवाह रहा है। सत्ता में बैठे लोगों द्वारा सीबीआई/ईडी का इस्तेमाल राजनैतिक रंजिश के तौर पर किया जा रहा है।‘ उन्होंने कहा, ‘पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ दुर्व्यवहार, दुर्भावनापूर्ण और सुनियोजित तरीके मुकदमा चलाया जा रहा है, जो मोदी सरकार द्वारा निजी और राजनीतिक प्रतिशोध से कम नहीं है।‘
उठाया आर्थिक मंदी का मुद्दा
सुरजेवाला ने आर्थिक मंदी का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘उनके नियंत्रण से बाहर हो रही अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, रुपये के अवमूल्यन और सभी क्षेत्रों में बेलगाम संकट के बीच अब हम वो सब देखेंगे, जो एक हताश मोदी सरकार 2.0 देश का ध्यान हटाने के लिए करेगी।’
सुरजेवाला ने दागा सवाल- क्या यही है प्रजातंत्र
सुरजेवाला ने आगे कहा, 'विदेशी निवेश की अनुमति देने वालों में 6 लोग थे उनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। जो कंपनी आई उसपर भी कार्रवाई नहीं की गई। आपने 40 साल से देश की सेवा कर रहे पूर्व गृहमंत्री और वित्त मंत्री को गिरफ्तार कर लिया। क्या यही प्रजातंत्र है। उन्हें गिरफ्तार करने का न कोई सबूत है न बयान केवल एक ऐसी महिला का बयान है जिसने अपनी बेटी की हत्या की है। उन्हें गिरफ्तार करने का क्या औचित्य है इसका आकलन देश की जनता खुद करे। एफआइआर में उनका नाम नही है। सरकार आरोप पत्र दायर नहीं कर पा रही क्योंकि आरोप पत्र दाखिल करेंगे तो सबूत देना पड़ेगा। चिदंबरम की गलती यही है कि उन्होंने देश के लोगों को देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर आगाह किया।
पहले ही आशंका जताई गई थी कि मीडिया के सामने पी चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस अपना पक्ष रखेगी। उल्लेखनीय है कि बुधवार रात को सीबीआई ने पूर्व वित्तमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को उनके आवास से गिरफ्तार कर एजेंसी के मुख्यालय ले गई। चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर पार्टी परेशान है। कांग्रेस की ओर से केंद्र सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
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