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जानिए, कांग्रेस नये अध्यक्ष की खोज के लिए अपना रही 'देर आए, दुरुस्त आए' वाला फार्मूला

अभी तक किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से ही बीते दो हफ्ते से प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस की कमान सौंपने की आवाज उठने लगी है।कh

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 09:17 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 09:17 PM (IST)
जानिए, कांग्रेस नये अध्यक्ष की खोज के लिए अपना रही 'देर आए, दुरुस्त आए' वाला फार्मूला
जानिए, कांग्रेस नये अध्यक्ष की खोज के लिए अपना रही 'देर आए, दुरुस्त आए' वाला फार्मूला

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के नये अध्यक्ष का चुनाव अभी अगले दस दिनों तक होने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। राहुल गांधी के उत्तराधिकारी की तलाश में दोराहे पर खड़ी पार्टी के कार्यकर्ता भले बेचैन हों मगर कांगेस अपना नया नेता चुनने की जल्दी में नहीं है। इसीलिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक संसद के बजट सत्र के बाद ही बुलाने की पार्टी की योजना है।

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कांग्रेस संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की गुरूवार को हुई बैठक के बाद उम्मीद की जा रही थी कि नये अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कायम असमंजस की स्थिति साफ होगी। मगर दिलचस्प यह रहा कि इस बैठक में नेतृत्व के संकट से रूबरू हो रही पार्टी की चुनौतियों पर पदाधिकारियों ने चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझा।

कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने बकायदा कहा भी कि एआइसीसी पदाधिकारियों की बैठक में कार्यसमिति बुलाने पर कोई चर्चा नहीं हुई। कांग्रेस के नये अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए कार्यसमिति की बैठक उचित समय पर होगी। सुरजेवाला ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि संसद के बजट सत्र के बाद ही कार्यसमिति की बैठक बुलाने का फैसला होगा।

लोकसभा चुनाव की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफा देने के सवा दो महीने बाद भी उनका विकल्प तलाश रही पार्टी गांधी परिवार के बाहर के किसी दूसरे नेता पर अभी तक सहमति नहीं बना पायी है।

नये अध्यक्ष की दौड़ में मल्लिकार्जुन खडगे, मुकुल वासनिक, सुशील कुमार शिंदे, आनंद शर्मा, सचिन पायलट जैसे नेता शामिल हैं। मगर अभी तक किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से ही बीते दो हफ्ते से प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस की कमान सौंपने की आवाज उठने लगी है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शशि थरूर जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी प्रियंका के नाम की पैरोकारी कर पार्टी के सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है। इसके बाद से राहुल पर इस बात के लिए दबाव बढ़ रहा है कि वह नया अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को बनाने के अपने ऐलान को वापस ले लें।

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