चुनावी लॉलीपाप के लिए रिजर्व बैंक का कोष हथियाना चाहती है सरकार: कांग्रेस
रिजर्व कोष के साथ सरकार की मनमानी से अर्जेटीना की अर्थव्यवस्था धराशायी होने का उदाहरण देकर मनीष तिवारी ने आरबीआई के विरोध को जायज ठहराया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष से 3.60 लाख करोड रुपये हासिल करने की केंद्र सरकार की कोशिशों को देश की आर्थिक संप्रभुता से खिलवाड़ करार दिया है। राहुल गांधी ने इसको लेकर प्रधानमंत्री पर सियासी तीर चलाते हुए रिजर्व बैंक से सरकार के इस प्रयास का पूरजोर विरोध करने के लिए कहा है। कांग्रेस ने यह भी दावा किया है कि 2019 के लोकसभा के चुनाव में चुनावी लालीपॉप बांटने के लिए भाजपा-एनडीए सरकार आरबीआई के रिजर्व कोष को हथियाने की हर कोशिश कर रही है।
रिजर्व बैंक के आरक्षित निधि कोष की एक तिहाई से अधिक रकम हासिल करने की सरकार की कोशिशों का विरोध करने का ऐलान करते हुए कांग्रेस ने यह भी कहा कि भाजपा-एनडीए को वह ऐसा नहीं करने देगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसको लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट में कहा कि पीएम ने अपने आर्थिक सिद्धांतों के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान पहुंचाया है उसे दुरूस्त करने के लिए उन्हें 3.60 लाख करोड़ रूपये चाहिए। राहुल ने रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल से कहा है कि देश को बचाने के लिए पीएम के इस प्रयासों का उन्हें मुकाबला करना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इस मसले पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक की 9.60 लाख करोड की कुल आरक्षित निधि में से 3.60 लाख करोड़ रूपये हासिल करने का प्रयास आरबीआई पर डाका डालने जैसा है। उन्होंने कहा इन कोशिशों से साफ हो गया है कि सरकार रिजर्व बैंक की धारा-7 के बहाने आरबीआई पर दबाव क्यों डाल रही थी। उनके मुताबिक आरबीआई का यह तर्क बिल्कुल सही है कि एक तिहाई रकम सरकार को देने से देश की आर्थिक स्वाधीनता और निवेशकों के भरोसे पर गंभीर प्रतिकूल असर होगा और अर्थव्यवस्था धराशायी हो जाएगी।
रिजर्व कोष के साथ सरकार की मनमानी से अर्जेटीना की अर्थव्यवस्था धराशायी होने का उदाहरण देकर मनीष तिवारी ने आरबीआई के विरोध को जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि आठ-नौ साल बाद भी ऐसा करने वाला अर्जेटीना इससे उबर नहीं पाया है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोषसे 50 अरब डालर से ज्यादा के बेल आउट पैकेज की गुहार लगा रहा है। इन गंभीर खतरों के बावजूद सरकार 2019 के चुनाव में राजनीतिक फायदे के लिए देश की आर्थिक आजादी को दांव पर लगाने का गैर जिम्मेदाराना कार्य कर रही है। इसीलिए कांग्रेस आगाह करना चाहती है कि सरकार की इस मंशा को वह अंजाम तक नहीं पहुंचने देगी।
नोटबंदी की बरसी मनाएगी कांग्रेस
कांग्रेस ने नोटबंदी को मोदी सरकार की बड़ी आर्थिक नाकामियों में एक बताते हुए इसकी इसके दो साल पूरा होने के मौके पर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पार्टी ने कहा है कि 9 नवंबर को नोटबंदी की दूसरी बरसी पर कांग्रेस कार्यकर्ता इस फैसले से देश को हुए भारी नुकसान के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि नोटबंदी लागू करते हुए प्रधानमंत्री ने कालाधन खत्म करने, आतंकवादियों के फंड की राह बंद करने और जाली नोटों को खत्म करने की बात कही थी। मगर इनमें से कोई भी दावा सही साबित नहीं हुआ है और उल्टे देश में नगदी का चलन नोटबंदी के पूर्व के समय से ज्यादा हो गया है। वहीं अर्थव्यवस्था पर इसकी इतनी मार हुई कि छोटे-मझोले कारोबारियों का काम ध्वस्त हो गया और आज भी वे संघर्ष कर रहे हैं।
तिवारी ने कहा कि इसे देखते हुए कांग्रेस की मांग है कि 8 नवंबर को रात आठ बजे प्रधानमंत्री को सामने आकर नोटबंदी की गलती के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 9 नवंबर को पार्टी के नेता से लेकर कार्यकर्ता पूरे देश में नोटबंदी की बरसी मनाने सड़कों पर उतरेंगे।