सरकार दो दिन के लिए बढ़ाए बजट सत्र, ज्वलंत मुद्दों पर होनी चाहिए चर्चा: कांग्रेस
संसद में लगातार हंगामे के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार खुद ही नहीं चाहती है कि सदन चले। वैसे भी सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश के सामने एससी-एसटी एक्ट, बैंक फ्रांड, सीबीएससी पेपरलीक जैसे ज्वलंत मुद्दे है जिन पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि संसद के दोनों सदनों के कार्यकाल को दो दिन के लिए बढ़ाया जाए, ताकि इन सभी मुद्दों पर चर्चा हो सके। विपक्ष सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार को इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए।
संसद में लगातार हंगामे के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार खुद ही नहीं चाहती है कि सदन चले। वैसे भी सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। उसे हंगामा कर रहे दलों और सासंदों से बातचीत करनी चाहिए। इन्हीं मुद्दों को उन्होंने दोपहर बाद राज्यसभा में भी उठाया और सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की। हालांकि भारी शोर-शराबे के चलते वह ज्यादा नहीं बोल सके। इस दौरान पूरे समय वह यह बताते रहे कि सदन में जो हंगामा हो रहा है, वह उसे सरकार खत्म कराना नहीं चाहती है।
वह पूरे समय विपक्ष के हंगामे को जायज ठहराने की कोशिश करते रहे। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो यह हंगामा तुरंत खत्म हो सकता है। उन्हें नाराज सांसदों से बात करनी चाहिए। इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने विपक्ष की करीब 14 पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की। इसे एआईडीएमके और तेलगू देशम पार्टी का भी समर्थन प्राप्त था। बैठक में सीलिंग, सीबीएससी पेपरलीक, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने, कावेरी जल विवाद जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया और चर्चा कराने की मांग की गई है।
राजग सांसद नहीं लेंगे वेतन
संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने जानकारी देते हुए कहा सत्र न चल पाने की वजह से राजग के सांसद 23 दिन का वेतन नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हंगामे के चलते बजट सत्र बाधित रहा।
गौरतलब है कि कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने सदन बढ़ाने की यह मांग तब की है, जब सदन का बजट सत्र छह अप्रैल को खत्म हो रहा है। हंगामें के चलते अभी तक सदन में इनमें से किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी है। इसके साथ ही सरकार का काम-काज भी अटका हुआ है। हंगामे के चलते राज्यसभा में सरकार के कई अहम बिल अटके हुए है।