राफेल पर कांग्रेस ने आक्रामक सियासी वार की बनाई रूपरेखा, 90 शहरों में करेगी प्रेस कांफ्रेंस
कांग्रेस ने मांग की है कि राफेल डील मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को गठन किया जाए।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। राफेल जेट विमान सौदे को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर चुकी कांग्रेस ने अब आक्रामक तरीके से मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। इसके तहत पार्टी ने एक महीने तक राफेल सौदे की कथित गड़बडि़यों को उजागर करने का अभियान चलाने का फैसला किया है। इस सियासी अभियान की शुरूआत 25 अगस्त को देश के 90 शहरों में कांग्रेस नेताओं की फौज को एक साथ प्रेस कांफ्रेंस के लिए उतार कर की जाएगी। वहीं बूथ कमिटियों को नया तेवर दे रही 'शक्ति' टीम के सहारे कांग्रेस राफेल मुद्दे को आम लोगों तक पहुंचाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों और सभी प्रदेश इकाईयों की शनिवार को हुई बैठक में राफेल को गरमाने की रूपरेखा पर मुहर लगाई गई। अगले लोकसभा चुनाव में राफेल पर मोदी सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा कर कांग्रेस भ्रष्टाचार पर भाजपा की सियासत को थामना चाहती है। इसीलिए राहुल ने शनिवार को पहले अपनी शीर्ष संगठन टीम और सूबों के नेताओं के साथ बैठक में राफेल पर सियासी अभियान को अंतिम रुप दिया। तो बूथों पर कांग्रेस की टीम तैयार कर रही 'शक्ति' टीम के राज्य समन्वयकों के साथ दूसरी बैठक में इसे लोगों के बीच ले जाने की रूपरेखा पर मंथन किया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार राफेल पर सियासी अभियान का पहला चरण 30 सितंबर तक चलेगा। जिन 90 शहरों में प्रेस कांफ्रेंस की बौछार कर राफेल पर सियासी हमले की शुरूआत की की जाएगी उनकी सूची तैयार कर ली गई है। अब मैदान में उतारे जाने वाले 90 कांग्रेस नेताओं का नाम तय किया जा रहा है। इसके बाद सभी प्रदेश कांग्रेस इकाइयों को 3 सितंबर से आठ दिन का जनआंदोलन जिले में शुरू करने को कहा गया है। जबकि सितंबर के आखिर में सभी प्रदेश इकाइयां सूबे की राजधानी में इस मुद्दे पर बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेंगी। इन अभियानों के लिए राफेल सौदे से जुड़े तथ्यों और इसकी कीमत में अंतर को सहज तरीके से लोगों के बीच पहुंचाने के लिए पार्टी बुकलेट व पर्चे भी तैयार कर रही है।
राफेल मुद्दे को गरमाने की कांग्रेस की गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के सहारे इसे गांव-गांव तक ले जाने की पार्टी की कोशिश है। इसका जिम्मा कांग्रेस के डाटा एनालिटिक्स विभाग पर सौंपा गया है जो पूरे देश में भाजपा की बूथ की ताकत का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस की 'शक्ति' टीम तैयार कर रही है।
राफेल के सियासी अभियान को कामयाब बनाने के लिए ही राहुल गांधी ने खासतौर पर शक्ति के सभी राज्य समन्वयकों के साथ बैठक की। इस बैठक में वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, महासचिव अशोक गहलोत और कांग्रेस डाटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती भी मौजूद थे। डाटा एनालिटिक्स विभाग अपनी शक्ति टीम के सहारे लोगों के फीडबैक डाटा के आधार पर राफेल मुद्दे को कहां और किस अंदाज में उठाना है इसकी रणनीति बताएगा।
राहुल गांधी के साथ प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राफेल पर मोदी सरकार के खिलाफ एक महीने तक जन आंदोलन चलाने का औपचारिक ऐलान भी कर दिया।