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Congress Chintan Shivir 2022: कांग्रेस ने कहा, आर्थिक नीतियों को नए सिरे से तय करने और किसानों के कर्ज माफ करने का है वक्त

Congress Chintan Shivir 2022 किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रीय किसान कर्ज राहत आयोग के गठन की पैरोकारी की है ताकि उद्योगपतियों की तर्ज पर किसानों को आपराधिक कानूनी कार्रवाई से बचा कर्ज से राहत दिलाई जा सके।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 06:41 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 09:18 PM (IST)
Congress Chintan Shivir 2022: कांग्रेस ने कहा, आर्थिक नीतियों को नए सिरे से तय करने और किसानों के कर्ज माफ करने का है वक्त
किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए राष्ट्रीय किसान कर्ज राहत आयोग बनाने की पार्टी ने की पैरोकारी

संजय मिश्र, उदयपुर। कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत और चुनौती को चिंताजनक करार देते हुए देश की आर्थिक नीतियों को 1991 की तरह नए सिरे से तय किए जाने की जरूरत बताई है। पार्टी ने कहा कि घरेलू और वैश्विक हालात के मद्देनजर ऐसा करके ही अर्थव्यवस्था की मुश्किलों का हल निकालने के साथ ही देश में तेजी से बढ़ती असमानता को थामा जा सकता है। केंद्र और राज्यों के वित्तीय संबंधों की समीक्षा की बात करते हुए पार्टी ने राज्यों को जीएसटी का मुआवजा तीन साल और बढ़ाए जाने की जरूरत बताई। किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए पार्टी ने 'राष्ट्रीय किसान कर्ज राहत आयोग' के गठन की पैरोकारी की ताकि उद्योगपतियों की तर्ज पर किसानों को आपराधिक कानूनी कार्रवाई से बचाया जा सके। साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी बनाए जाने की बात की।

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कांग्रेस को राजनीतिक संकट के दौर से उबारने के लिए उदयपुर में चल रहे नव संकल्प चिंतन शिविर के दूसरे दिन आर्थिक और किसानों से जुड़े समूहों की चर्चाओं में पार्टी ने इन दोनों अहम मुद्दों पर 2024 के लिए अपना नजरिया रखा। आर्थिक समूह के समन्वयक पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर राजग सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है और मौजूदा संकट से उबरने का भी उसे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा। सरकार की नीतियां जहां महंगाई को उफान पर पहुंचा रही हैं, वहीं बेरोजगारी चरम पर है। राज्यों की आर्थिक और वित्तीय स्थिति भी खराब है। ऐसे में देश की आर्थिक नीतियों की फिर से समीक्षा करके उन्हें नए सिर से तय किया जाए। चिदंबरम ने कहा कि 1991 में कांग्रेस सरकार ने आर्थिक नीतियों में बदलाव कर उदारीकरण का दौर शुरू किया था उससे देश में संपत्ति निर्माण और तकनीक से लेकर कारोबार में बहुत फायदा मिला।

इसके बाद संप्रग के 10 साल के शासनकाल में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाने में कामयाबी मिली। वर्तमान आर्थिक संकट से देश को बाहर निकालना है तो तीन दशक बाद हमें फिर आर्थिक नीतियों के साथ-साथ केंद्र और राज्यों के वित्तीय संबंधों की नए सिर से समीक्षा करनी होगी।

कांग्रेस लोगों के सामने रखेगी परिपक्व आर्थिक नीति

महंगाई को लेकर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने सरकार की रूस-यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार ठहराने की दलील खारिज कर दी और कहा कि पहले से बढ़ी चुनौती में यूक्रेन संकट ने कुछ और इजाफा किया है। चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार शाइनिंग इंडिया जैसी कहानी दोहरा रही है और अब कांग्रेस लोगों के सामने एक परिपक्व आर्थिक नीति रखेगी। उम्मीद है कि जनता इसे समर्थन देकर भाजपा सरकार के खोखले दावों को खारिज कर देगी।

कांग्रेस ने राष्ट्रीय किसान कर्ज राहत आयोग बनाने का रखा प्रस्ताव

किसानों के मसले पर चिंतन शिविर के लिए गठित समूह के प्रमुख हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राजग सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था जो नहीं हुआ, मगर किसानों पर कर्ज जरूर दोगुना हो गया है। किसानों को इस कर्ज के बोझ से राहत दिलाने के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रीय किसान कर्ज राहत आयोग बनाने का प्रस्ताव किया है जो उद्योगों के कर्ज की तरह किसानों के कर्ज को भी बातचीत के रास्ते सुलझा ले या माफ कर दे। किसानों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज न हो। किसानों को कर्ज मुक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए जरूरी है कि एमएसपी को कानूनी गारंटी मिले और इसमें सभी फसलों को शामिल किया जाए।

हुड्डा ने कहा, हमारा प्रस्ताव है कि एमएसपी को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाए। फसल बीमा योजना की खामियों को दूर करने के साथ पार्टी ने मनरेगा को खेती से जोड़ने का भी प्रस्ताव किया है। किसानों को साधने के लिए नवोदय विद्यालय की तर्ज पर किसानों के बच्चों के लिए स्कूल खोलने, उन्हें छोटी कार खरीदने के लिए सस्ते कर्ज और रियायत देने जैसे सुझावों पर शिविर में चर्चा हो रही है। पूरी उम्मीद है कि कांग्रेस 2024 की अपनी तैयारी के लिए इनमें से अधिकांश प्रस्तावों को अपने राजनीतिक एजेंडे में शामिल करेगी।


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