कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कहा- कोरोना को काबू करने के विरोधाभासी तस्वीर को करे साफ
अजय माकन ने डॉ वीके पाल द्वारा 24 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस में दी गई प्रस्तुति का हवाला देते हुए कहा कि इसमें उन्होंने कहा था कि 16 मई तक भारत कोरोना के प्रकोप से उबर जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी की बढ़ती रफ्तार के बीच इसके काबू में आने को लेकर सरकारी महकमों के अलग-अलग विरोधाभासी बयानों पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। पार्टी ने कहा है कि कोरोना वायरस के खतरों का उफान किस हद तक जाएगा इसको लेकर सरकारी एजेंसियों की अस्पष्टता देश को चिंतित करने वाली हैं। ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि कोरोना का चरम और इसके थमने का सिलसिला कब शुरू होगा।
कोरोना संक्रमण का चरम भारत में जून-जुलाई में आने के एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया के बयान के दो दिन बाद ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इसे नकार दिए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने चिंता जताते हुए यह सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग जीतने को लेकर बीते डेढ़ महीने से सरकार की ओर से अलग-अलग तरीके के बयान दिए जा रहे हैं। देश के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान एम्स के निदेशक ने बकायदा संक्रमण डाटा के चिकित्सकीय अध्ययन का हवाला देते हुए जून-जुलाई में कोरोना के सबसे चरम पर पहुंचने की बात कही। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को इसके विपरीत बयान दिया कि भारत में कोरोना का पीक आएगा ही नहीं।
अजय माकन ने नीति आयोग के सदस्य के बयान का दिया हवाला
माकन ने नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पाल द्वारा 24 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस में दी गई प्रस्तुति का हवाला देते हुए कहा कि इसमें उन्होंने कहा था कि 16 मई तक भारत कोरोना के प्रकोप से उबर जाएगा। लेकिन अब हालात ये हैं कि संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 60 हजार को पार कर तेजी से और आगे बढ़ रहा है। माकन ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था कि महाभारत का युद्ध 18 दिनों में जीता गया था और कोरोना से जंग जीतने में केवल 21 दिन लगेंगे। मगर डेढ़ महीने के लॉकडाउन के बाद जो हालत हैं वह कहीं ज्यादा चिंताजनक हैं। माकन ने कहा कि जब सरकार के महकमों और विशेषज्ञों को ही सच्चाई की गंभीरता मालूम नहीं तो जनता आखिर भरोसा पर किस पर करे। इसीलिए कांग्रेस की मांग है कि अपने महकमों के विरोधाभासी बयानों को लेकर सरकार सही तस्वीर जनता को बताए ताकि कोरोना पर काबू पाने की तस्वीर साफ हो सके।