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सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति अदाणी मामले में साबित होगी 'क्लीन चिट' समिति: कांग्रेस

अदाणी विवाद पर सवालों का शतक पूरा करने के बाद जयराम रमेश ने कहा जेपीसी ही जांच में सक्षम विशेषज्ञ समिति सरकार की नीतियों-नीयत पर सवाल पूछने की नहीं करेगी हिम्मत -तृणमूल पर भी खड़ा किया सवाल। (जागरण-फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Wed, 22 Mar 2023 07:35 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2023 07:35 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति अदाणी मामले में साबित होगी 'क्लीन चिट' समिति: कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस के सुझाव को जयराम रमेश ने हास्यास्पद करार दिया

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अदाणी मामले में जेपीसी की मांग कर रही कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति पर ही सीधा सवाल खड़ा कर दिया है। जांच रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस ने बेलाग कहा है कि विशेषज्ञ समिति की जांच सरकार को क्लीन चिट देने वाली समिति साबित होगी।

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हालांकि पार्टी ने यह साफ किया कि यह आशंका इसलिए है कि विशेषज्ञ समिति के जांच के दायरे में अदाणी समूह की कंपनियों से जुड़े मसले शामिल नहीं हैं और न ही यह समिति सरकार से सीधे कोई सवाल कर सकती है।

समिति से जताया था असंतोष

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अनुशंसा को दरकिनार कर खुद से एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि वह सरकार की अनुशंसा पर इसलिए कोई सदस्य नामित नहीं करेगा ताकि उसकी विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनी रहे। लेकिन कांग्रेस ने पहले ही दिन से इस समिति से असंतोष जताया था।

पार्टी के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा

अदाणी मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से चलाई जा रही श्रृंखला 'हम अदाणी के हैं कौन' के तहत सरकार से 100 वां सवाल पूछते हुए पार्टी के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अदाणी समूह को सरकार के संरक्षण से मिले फायदे से जुड़े कठिन सवालों को पूछने की सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति को हिम्मत नहीं होगी और जेपीसी में ही इन सवालों को उठाया जा सकता है।

जेपीसी गठन से इन्कार अनुचित : रमेश

सरकार के जेपीसी गठन से इन्कार को अनुचित करार देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि 1992 में हर्षद मेहता शेयर बाजार घोटाले में नरसिंह राव सरकार ने शुरूआती प्रतिरोध के बाद विपक्ष की मांग पर जेपीसी जांच कराई और सेबी को मजबूत करने समेत कई अन्य कदम उठाए गए। इसी तरह 2001 में वाजपेयी सरकार ने भी प्रारंभिक इन्कार के बाद केतन पारिख स्टॉक घोटाले की जांच के लिए जेपीसी का गठन किया और इसकी रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई।

जयराम ने स्टॉक मार्केट पर इन दोनों जेपीसी का उदाहरण देने के साथ ही कहा कि अदाणी महाघोटाला केवल शेयर बाजार से ही नहीं जुड़ा है बल्कि यह सरकार की नीतियों और नीयत से भी ताल्लुक रखता है। सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति सरकार की नीतियों और नीयत को लेकर कोई सवाल नहीं करेगी और ऐसे में यह जांच सरकार को क्लीन चिट देने की कवायद के अलावा कुछ नहीं है।

जयराम ने कहा कि सीबीआई, ईडी, एसफआईओ जैसी एजेंसियों का विपक्ष, सिविल सोसाइटी और स्वतंत्र व्यवसायों के खिलाफ इस्तेमाल करने में कभी संकोच नहीं किया मगर क्या 1947 के बाद से देश में भ्रष्टाचार और सत्ता संरक्षित पूंजीवाद इस सबसे खतरनाक मामले की जांच कराएगी? इस सौंवे सवाल के साथ ही पार्टी ने इस श्रृंखला को फिलहाल विराम दे दिया है।

तृणमूल कांग्रेस के सुझाव को जयराम रमेश ने हास्यास्पद करार दिया

अदाणी समूह के खिलाफ राज्य सरकारों के जांच शुरू करने के तृणमूल कांग्रेस के सुझाव को जयराम रमेश ने हास्यास्पद करार दिया और कहा कि ऐसी कोई भी जांच केंद्र सरकार के दरवाजे से ही शुरू होती है। उनका कहना था कि सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ, डीआरआई जैसी एजेंसियों में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है तो फिर अदाणी मामले की जांच राज्य सरकारें कैसे कर सकती हैं। टीएमसी पर निशाना साधते हुए जयराम ने कहा कि ऐसा अगंभीर सुझाव देने वाले न अर्थव्यवस्था जानते हैं और न ही राजनीति।


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