कांग्रेस ने कहा- तिब्बत इलाके में चीन के कृत्रिम झील से अरुणाचल प्रदेश को खतरा
कांग्रेस ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अतिक्रमण के बाद चीन के अरुणाचल प्रदेश में शरारतपूर्ण इरादों को लेकर चिंता जताई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अतिक्रमण के बाद चीन के अरुणाचल प्रदेश में शरारतपूर्ण इरादों को लेकर चिंता जताई है। पार्टी ने कहा है कि चीन तिब्बत के इलाके में यारलूंग शांग्पो नदी पर एक कृत्रिम झील बना रहा जो भविष्य में हमारे लिए वाटर बम हो सकता है। विशेषकर अरुणाचल प्रदेश की सुरक्षा के लिहाज से चीन का यह कदम चिंताजनक है।
कृत्रिम झील: पानी का बहाव छोड़े जाने पर अरुणाचल के लिए वाटर बम साबित हो सकता है
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि इस नदी के नीचे एक पूरा बेसिन है जिसे अरुणाचल सियांग बेसिन कहता है। यह निर्माण भविष्य में इतना खतरनाक हो सकता है कि अरुणाचल के सभी विभागों में रेड अलर्ट कर दिया गया है। सिंघवी ने कहा कि यह कृत्रिम झील अचानक पानी का बहाव छोड़े जाने की स्थिति में अरुणाचल के लिए वाटर बम साबित हो सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या भारत ने चीन के समक्ष इस निर्माण के मुद्दे को उठाया है। क्योंकि यह हमारे एक राज्य के बड़े हिस्से की सुरक्षा को खतरे में डालने वाला निर्माण कार्य है।
चीन ने 7 हजार सैनिक डेपसांग में तैनात कर दिए
रणनीतिक मोर्चे पर चीन के साथ मजबूती से नहीं डटे होने का सरकार पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि डेपसांग में चीनी सैनिकों के अतिक्रमण को लेकर एक ओर बात चल रही है। तो दूसरी ओर चीन ने अपनी फोर्थ मोटराइज इनफैंट्री डिवीजन के 17 हजार सैनिक डेपसांग में तैनात कर दिए हैं।
चीन के प्रभाव में आकर नेपाल भी भारत के प्रति उग्रता दिखा रहा
चीन के प्रभाव में आकर नेपाल भी भारत के प्रति उग्रता दिखा रहा है। नेपाल अपनी सेना को लगा कर दार्चुला-टिंकर रोड को ऐसे तेजी से बना रहा है जैसे कोई युद्ध होने वाला है। इससे पूर्व कालापानी-लिपुलेख के भारतीय इलाके को नेपाल ने अपने नक्शे में दिखाया और अब चीन के प्रभाव में चीन-भारत-नेपाल के बार्डर पर सड़क बना रहा जहां इसका निर्माण मुश्किल है। सिंघवी ने कहा कि सत्ता पक्ष की राष्ट्रवाद और लाल आंख दिखाने की सारी बातें केवल छाती पिटने तक सीमित है और सरकार इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है।