कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार के दावे पर उठाए सवाल
नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री के भाषण का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने सरकार से कुछ सवाल पूछे।
By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 10:59 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 10:59 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि पिछले चार सालों के मुकाबले यूपीए-1 और यूपीए-2 में अर्थव्यवस्था ज्यादा बेहतर स्थिति में थी। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या यह सही नहीं है कि देश में 1990-91 के बाद 2016-17 में इनवेंस्टमेंट की स्थिति सबसे खराब रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री का अर्थव्यस्था को डबल डिजिट में पहुंचाने का दावा कैसे पूरा होगा?
नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री के भाषण का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने सरकार से कुछ सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकार के जीडीपी के आंकड़े जिन आधारों पर तय किए जाते थे, उनमें बदलाव किया है। अब तक की जो परंपरा रही है, उसके तहत जब भी ऐसे बदलाव किए जाते थे, पिछले सालों के आंकड़े भी जारी किए जाते है। जो इस सरकार ने नहीं किया। निश्चित ही सरकार इसे छुपाना चाहती है। क्योंकि उसे पता है कि यदि यह आंकड़े सामने आ जाएंगे, तो लोगों को पता चल जाएगा, कि चार सालों के मुकाबले पिछली सरकार में अर्थव्यवस्था ज्यादा बेहतर स्थिति में थी।
मनीष तिवारी ने कहा कि मौजूदा समय में अर्थव्यस्था की जो स्थिति है, उसके तहत औद्योगिक घराने अब निवेश को लेकर पहले की तरह आश्वस्त नहीं है। यही वजह है कि देश में निवेश की स्थिति 1990-91 के बाद 2016-17 में सबसे खराब रही है।
नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री के भाषण का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने सरकार से कुछ सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकार के जीडीपी के आंकड़े जिन आधारों पर तय किए जाते थे, उनमें बदलाव किया है। अब तक की जो परंपरा रही है, उसके तहत जब भी ऐसे बदलाव किए जाते थे, पिछले सालों के आंकड़े भी जारी किए जाते है। जो इस सरकार ने नहीं किया। निश्चित ही सरकार इसे छुपाना चाहती है। क्योंकि उसे पता है कि यदि यह आंकड़े सामने आ जाएंगे, तो लोगों को पता चल जाएगा, कि चार सालों के मुकाबले पिछली सरकार में अर्थव्यवस्था ज्यादा बेहतर स्थिति में थी।
मनीष तिवारी ने कहा कि मौजूदा समय में अर्थव्यस्था की जो स्थिति है, उसके तहत औद्योगिक घराने अब निवेश को लेकर पहले की तरह आश्वस्त नहीं है। यही वजह है कि देश में निवेश की स्थिति 1990-91 के बाद 2016-17 में सबसे खराब रही है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें