जज लोया की मौत पर राजनीति गरमाई, राष्ट्रपति कोविंद से मिले राहुल गांधी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 15 दलों के 114 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर सीबीआइ के विशेष जज जस्टिस बीएच लोया की मौत की निष्पक्ष एसआइटी जांच की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में राष्ट्रपति से मिले विपक्षी नेताओं ने कहा कि उन्हें सीबीआइ या एनआइए की जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआइटी जांच कराई जानी चाहिए।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन शुक्रवार को राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस, वामपंथी दलों, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस भेंट के दौरान ही जस्टिस लोया की मौत को लेकर उठाए गए संदेहों के मद्देनजर एसआइटी जांच की मांग की गई। राष्ट्रपति को विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
विपक्ष के करीब 15 दलों के 115 सांसदों के हस्ताक्षर से युक्त इस ज्ञापन में जस्टिस लोया की मौत से जुड़े संदेहास्पद सवालों को उठाते हुए कहा गया है कि एसआइटी जांच से ही सच सामने आएगा। विपक्षी सांसदों ने इस पत्र में राष्ट्रपति से दखल देने की अपील करते हुए कहा है कि एसआइटी जांच के लिए निष्पक्ष और ईमानदार अधिकारियों का चयन किया जाना चाहिए। विपक्ष ने यह भी कहा कि सीबीआइ या एनआइए के बीते ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए उन्हें इस मामले की जांच नहीं सौंपी जानी चाहिए। इस ज्ञापन पर कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, माकपा, भाकपा, राजद, सपा, राकांपा आदि के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं।
हालांकि बसपा के किसी सांसद ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और राष्ट्रपति से मिलने गए विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में भी पार्टी का कोई सदस्य शामिल नहीं था। राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि विपक्षी सांसदों के साथ एक व्यापक वर्ग का मानना है कि जस्टिस लोया की मौत संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई है। उनकी मौत के बाद उनसे जुड़े दो अन्य लोगों की भी रहस्यमय हालात में मृत्यु हुई है। इन सब को देखते हुए न्यायिक तंत्र में लोगों का भरोसा बना रहे यह सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। राहुल ने कहा कि राष्ट्रपति ने उनकी बातों को बड़ी गंभीरता से सुना और विपक्ष की मांगों पर गौर करने का आश्वासन दिया। विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में शामिल दूसरे नेताओं में पी. चिदंबरम, गुलाब नबी आजाद, कपिल सिब्बल, डी. राजा, संजय सिंह, मनीष गुप्ता, इदरिस अली आदि शामिल थे।
गौरतलब है कि नवंबर 2017 में ‘कारवां’ में प्रकाशित एक आलेख के लिए दिए गए इंटरव्यू में जस्टिस लोया के पिता और दो बहनों ने मौत की परिस्थितियों को संदिग्ध बताया। इसके बाद दिसंबर महीने में बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा भी बॉम्बे हाईकोर्ट में लोया की मौत पर जनहित याचिका दायर कर जांच की मांग की गयी थी, साथ ही एक नागरिक समूह ने भी आयोग बनाकर जज लोया की मौत की जांच की मांग उठाई थी। जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन शेख फेक एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। गत 12 जनवरी को हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस मदन बी लोकुर, कुरियन जोसेफ, रंजन गोगोई व जस्टिस चेल्मेश्वर ने चीफ जस्टिस पर सवाल उठाया था।