राहुल गांधी का महिला आरक्षण बिल पर पीएम मोदी को पत्र, रखी ये मांग
महिला आरक्षण बिल काफी समय से अटका हुआ है। 1996 में तत्कालीन पीएम एच. डी. देवगौड़ा के कार्यकाल में इस बिल को संसद में पेश किया गया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया पर पत्र लिखकर संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल लाने की मांग रख दी है। राहुल ने कहा है कि कांग्रेस महिला आरक्षण बिल को बिना किसी शर्त के समर्थन देने के लिए तैयार है। संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा।
भाजपा मानसून सत्र में तीन तलाक बिल लाने की तैयारी कर रही है। कहा जा रहा है भाजपा के तीन तलाक बिल पर कांग्रेस का ये पलटवार है। राहुल गांधी ने पत्र में लिखा कि महिला आरक्षण बिल के तहत संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि यूपीए के चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने भी पिछले साल सरकार को इस बारे में पत्र लिखा था।
राहुल ने बताया कि महिला आरक्षण बिल को लेकर जागरूकता और जनता का समर्थन हासिल करने के लिए एक अभियान कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाया। इस अभियान के तहत 32 लाख महिला-पुरुषों के हस्ताक्षर इस बिल के समर्थन में किए गए। उम्मीद है कि महिला आरक्षण बिल मानसून सत्र में पास हो जाएगा।
लंबे समय से लटका है महिला आरक्षण बिल
बता दें कि महिला आरक्षण बिल काफी समय से अटका हुआ है। 1996 में तत्कालीन पीएम एच. डी. देवगौड़ा के कार्यकाल में इस बिल को संसद में पेश किया गया था। 2010 में राज्यसभा में पास होने के बाद यह बिल लोकसभा में पास नहीं हो सका। वर्ष 1993 में संविधान में 73वें और 74वें संशोधन के जरिए पंचायत और नगर निकाय में एक तिहाई सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था।