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राहुल ने 2019 को कौरव बनाम पांडवों की जंग बनाने का किया ऐलान

राहुल ने भाजपा और आरएसएस की कौरवों से तुलना करते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस कौरवों की तरह हैं जो ताकत के लिए लड़ते हैं और कांग्रेस पांडवों की तरह है जो सच के लिए लड़ती है।

By Manish NegiEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 04:49 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 09:03 PM (IST)
राहुल ने 2019 को कौरव बनाम पांडवों की जंग बनाने का किया ऐलान
राहुल ने 2019 को कौरव बनाम पांडवों की जंग बनाने का किया ऐलान

संजय मिश्र, नई दिल्ली । सियासी महाभारत में भाजपा को कौरव और कांग्रेस को पांडवों के प्रतीक के रुप में पेश कर राहुल गांधी ने 2019 के चुनावी संग्राम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने का बिगुल बजा दिया है। राहुल ने कहा कि कौरवों की तरह भाजपा सत्ता की लड़ाई लड़ने के लिए ही बनी है जबकि सत्य के लिए संघर्ष करना कांग्रेस की बुनियाद है। भाजपा को एक संगठन की आवाज तो कांग्रेस को देश की आवाज बताकर राहुल ने कहा कि आज भी कुरूक्षेत्र की तरह देश के सामने यही सवाल है कि उसे झूठ के साथ जीना है या सच्चाई का सामना करना है।

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पीएम पर तीखे वार के साथ उन्होंने किसानों, युवाओं और आर्थिक विकास की वैकल्पिक रूपरेखा पेश कर चुनावी महाभारत में उतरने की ताल ठोकी। पार्टी प्लेनरी महाधिवेशन सत्र के समापन भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा और संघ पर बेहद आक्रामक वार करते हुए कुरुक्षेत्र में हुई महाभारत की लड़ाई की कहानी के जरिये उसकी तुलना कौरवों से की। राहुल गांधी ने कहा कि कौरवों की तरह भाजपा भी सत्ता के नशे में चूर है जबकि कांग्रेस पांडवों की तरह विनम्र है जिसके पास सत्ता की नहीं सत्य की ताकत है। उन्होंने कहा कि इसीलिए हत्या के आरोपी को भी भाजपा अध्यक्ष बना दे तो स्वीकार कर लिया जाता है लेकिन कांग्रेस का कोई ऐसा कदम देश स्वीकार नहीं करेगा और हमें दंडित करेगा। क्योंकि कांग्रेस को देश ने सियासी पायदान के मानक पर सबसे ऊंचा रखा है। यूपीए सरकार के आखिरी कुछ सालों में हुई गलतियों की बात कबूलते हुए राहुल ने कहा कि हमने लोगों की उम्मीद तोड़ी तो जनता ने हमें इसकी सजा दी।

पीएम-भाजपा पर वार करते हुए राहुल ने कहा कि फर्क यह भी है कि कांग्रेस अपनी गलती को कबूल कर सुधार करने के लिए तैयार हो जाती है। मगर भाजपा किसी सूरत में खुद को गलत नहीं मानती और नोटबंदी की चूक इसका उदाहरण है जिसे पूरे विश्व में गलत फैसला बताया गया लेकिन भाजपा यह मानने को तैयार नहीं। अगले सियासी महासंग्राम में एनडीए सरकार के कामकाज के मुद्दों को हथियार के रुप में इस्तेमाल करने का संकेत देते हुए राहुल ने सरकार के चार साल के कामकाज को लेकर उसकी जमकर खिंचाई की। किसानों की खराब हालत, नौकरियों की कमी की वजह से युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी और नोटबंदी-जीएसटी की वजह से कारोबारियों पर पड़े असर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में यह सवाल पूछा जा रहा कि अच्छे दिन कहां हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम इन सवालों से ध्यान भटकाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की बात से लेकर इंडिया गेट पर योग करने को कहते हैं।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी राहुल ने पीएम पर सियासी निशाना साधते हुए कहा कि उनके हमनाम चाहे नीरव मोदी हों या ललित मोदी देश के हजारों करोड़ का घोटाला कर भाग जाते हैं। मगर वित्तमंत्री चुप हैं क्योंकि वे और उनकी बेटी पूंजीपतियों के लिए काम करते हैं। अगले चुनाव में कांग्रेस के वैकल्पिक एजेंडे की शुरूआती रुपरेखा पेश करते हुए राहुल ने किसानों का कर्ज माफ करने से लेकर उनकी उपज की सीधी खरीद की बात कही। पार्टी सत्ता में आयी तो हर जिले में रोजगार के लिए विशिष्ट स्किल हब बनाने से लेकर आइआइएम और आइआइटी स्तर की उच्च शिक्षा का ढांचा बनाने का वादा किया। जबकि भाजपा-संघ के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई में नहीं डरने की ताल ठोकते हुए राहुल ने कहा कि सत्ता चाहे कितनी भी शक्तिशाली हो कांग्रेस शेरों का संगठन है और वह नहीं डरेगी। पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि गुजरात चुनाव के बाद उन्होंने सूट पहनना छोड दिया है और उनके चेहरे पर इसकी झलक दिखती है कि 2019 की जंग में फंस जाएंगे।

कांग्रेस की दीवार जंग में बड़ी चुनौती अगले चुनावी महाभारत के बिगुल और मुद्दों के अपने हथियार का खाका रखने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी की कमजोरियों को भी खुलकर पेश किया। कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच दीवार गहरी होने की बात कहते हुए राहुल ने कहा कि बतौर अध्यक्ष इस दीवार को तोड़ना उनका पहला लक्ष्य है। पैराशूट से आकर टिकट पाने वालों से लेकर कार्यकर्ताओं के टिकट से वंचित रहने के उदाहरणों को इस दीवार का हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को प्यार से समझाकर वे इस दीवार को तोड़ेंगे। प्लेनरी सत्र में पार्टी में बदलाव की राहुल की इन बातों पर कार्यकर्ताओं ने जमकर तालियां पीटी।

राहुल ने इस दौरान कांग्रेस की जनता खासकर युवा वर्ग से दूरियां पाटने और पार्टी की अगली पीढ़ी के नेताओं की फौज तैयार करने के इरादों का भी साफ संदेश दिया। प्लेनरी सत्र में पूरे मंच के खाली रहने और नेता-कार्यकर्ता सभी के नीचे बैठे होने की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि यह मंच देश के हर क्षेत्र के प्रतिभाशाली लोगों के लिए उन्होंने खाली किया है। इस मंच पर ऐसे लोगों को लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे ताकि कांग्रेस के पास आजादी के समय जैसे सक्षम नेताओं की फौज थी वैसी ही फौज बराबर रहे। राहुल के संबोधन के साथ ही पार्टी का उनकी रहनुमाई में हुआ प्लेनरी सत्र समाप्त हो गया। 
 


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