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सस्पेंस भरा रहा नामांकन का अंतिम दिन, सुबह मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम तय होने के बावजूद लगती रही अटकलें

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार को अटकलों का बाजार बेहद गर्म था। दिग्विजय सिंह ने तो नामांकन दाखिल करने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे की एंट्री से सियासी परिदृश्‍य ही बदल गया।

By Jagran NewsEdited By: Krishna Bihari SinghPublished: Fri, 30 Sep 2022 10:24 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 10:35 PM (IST)
सस्पेंस भरा रहा नामांकन का अंतिम दिन, सुबह मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम तय होने के बावजूद लगती रही अटकलें
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार को अटकलों का बाजार बेहद गर्म था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव मे दावेदारी को लेकर यूं तो पिछले तीन दिनों से असमंजस जारी था लेकिन नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार को तो हर कोई एक दूसरे की आहट को समझने की कोशिश में लगा था। अटकलों का बाजार गर्म था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तो नामांकन की पूरी तैयारी कर ली थी और मध्य प्रदेश से 50 से अधिक लोग दिल्ली पहुंच गए थे। लेकिन सुबह नौ बजे अचानक से तस्वीर बदली और खड़गे सामने आ गए।

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केएम त्रिपाठी भी मैदान में

खड़गे की घोषणा के बावजूद भी लोग यह समझने की कोशिश करते रहे कि क्या आखिरी समय में कुछ और बदलाव हो सकता है। या फिर कोई तीसरा उम्मीदवार भी मैदान में कूदेगा। आखिरी वक्त में केएम त्रिपाठी भी मैदान में कूद ही गए। कांग्रेस मुख्यालय में तब और गहमागहमी बढ़ी जब जी 23 के नाराज नेता आनंद शर्मा, मनीष तिवारी जैसे लोग भी वहां पहुंचने लगे।

वह लोगों के आकर्षण का केंद्र बने केएम त्रिपाठी

इधर झारखंड से कांग्रेस के श्रम संगठन से जुड़ी संस्था इंटक के नेता केएम त्रिपाठी भी नामांकन के लिए पहुंचे। पहले तो कोई उन्हें कोई समझ ही नहीं पाया, लेकिन बाद में जब उन्होंने बताया कि वह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने आए है। इसके बाद तो वह लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे।

राहुल गांधी बने रहेंगे पार्टी का लोकप्रिय चेहरा

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को सामने लाकर स्‍पष्‍ट संदेश दिया है कि वह आंतरिक संतुलन बनाते हुए अपनी राजनीतिक मंजिलों की ओर बढ़ेगी। इस घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट है कि चाहे पार्टी इस पर रणनीति चुप्पी साधे रखे लेकिन जनता के बीच राहुल गांधी ही पार्टी का लोकप्रिय चेहरा रहेंगे। बताया जाता है कि लंबे अर्से से यथास्थितिवाद, गुटबाजी और हार की हताशा से घिरी कांग्रेस के लिए शीर्ष संगठन के नेतृत्व में ऐसे बदलाव की शिद्दत के साथ जरूरत महसूस की जा रही थी।  

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