राज्यसभा में राफेल मसले पर सुषमा स्वराज ने कहा- विवाद कांग्रेस के दिमाग में है
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि फ्रांसीसी विदेश मंत्री वेस ली ड्रियन Vसे राफेल मामले पर कोई बात नहीं हुई थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा बृहस्पतिवार को दो मौकों पर बहिर्गमन की शिकार हुई। कांग्रेस सदस्यों ने राफेल मसले पर सुषमा स्वराज के उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन से वॉक-आउट किया। जबकि कावेरी मुद्दे पर अन्नाद्रमुक सदस्य सदन से बाहर चले गए।
एक पूरक प्रश्न में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से पिछले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैकोइस ओलांद के बीच राफेल सौदे पर हुई बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक करने को कहा। ताकि पूरा देश जान सके और विवाद हमेशा के लिए शांत हो जाए। इस पर स्वराज ने कहा कि 'आनंद जी, कोई विवाद नहीं है। विवाद आपके मस्तिष्क में है। आप जो भी विवादित मुद्दे उठाते हैं, उन सब पर सुप्रीम कोर्ट स्पष्टीकरण दे चुका है। इसलिए कृपया दुबारा विवाद शब्द का इस्तेमाल न करें। पूरा देश जानता है कि कोई विवाद नहीं है। सुप्रीमकोर्ट ने हर मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट कर दी है। यदि फिर भी आपको लगता है कि विवाद है तो इसका उत्तर कोई नहीं दे सकता।'
शिवसेना व आप सदस्यों ने भी राफेल पर सुषमा को घेरने की कोशिश की
इस उत्तर से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। इस बीच शिवसेना के संजय राउत तथा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी सुषमा को घेरने की कोशिश की। राउत ने पूछा कि क्या फ्रांसीसी विदेश मंत्री जी वेस ली ड्रियन की हालिया भारत यात्रा के दौरान राफेल को लेकर कोई चर्चा हुई थी। इस पर स्वराज ने कहा कि 'इस पर कोई बात नहीं हुई थी। उस दिन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया था। वे बहुत खुश थे।' इस पर आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने जानना चाहा कि आखिर फ्रांसीसी विदेशमंत्री किस बात पर खुश थे। सुषमा ने कहा कि 'शायद वे इस बात पर खुश थे कि अब राफेल विवाद का अंत हो जाएगा।'
इससे पहले सुबह अन्नाद्रमुक सदस्य ए नवनीत कृष्णन ने पार्टी के 24 सदस्यों को लोकसभा से पांच दिन के लिए निलंबित किए जाने का मुद्दा उठाते हुए इस कदम को अलोकतांत्रिक करार दिया। इस पर सभापति नायडू ने कहा कि 'लोकसभा के कार्य व्यवहार की चर्चा राज्यसभा में नहीं की जा सकती।' लेकिन नवनीतकृष्णन बोलते रहे। उन्होंने मेकादातू बांध परियोजना का मुद्दा उठा दिया और विस्तृत संभाव्यता रिपोर्ट की अनुमति वापस लेने की मांग की।
इस पर नायडू ने कहा कि देश के लोग उनकी पार्टी के लगातार व्यवधान से पीडि़त हैं। शीत सत्र के ज्यादातर दिन बर्बाद हो गए हैं। बुधवार को जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी इसी मुद्दे पर वक्तव्य देने आए थे। लेकिन हंगामे के कारण बयान नहीं दे सके। नायडू ने नवनीतकृष्णन को इस मसले को और उठाने की अनुमति नहीं दी। फलत: अन्नाद्रमुक सदस्य बाहर चले गए।