अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बहाने कांग्रेस-राकांपा ने साधा भाजपा पर निशाना
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के यह कहते ही कि एक पुलिस अफसर की मौत से अधिक अहम गाय है, विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को निशाना साधना शुरू कर दिया है।
मुंबई, प्रेट्र। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के यह कहते ही कि देश में एक पुलिस अफसर की मौत से अधिक अहम गाय है, विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और राकांपा ने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए देश का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है।
दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर जनता ने नसीरुद्दीन शाह को ट्रोल करना शुरू कर दिया है। फिल्म सरफरोश के उनके गुलफाम हसन किरदार को उनका असली चेहरा बताया जा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इंदौर में गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, 'नसीरुद्दीन शाह के बयान को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। देश के सेक्युलर लोग भय के माहौल में जी रहे हैं। हमें डर है कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के बाद वापस आयी तो ना तो संविधान बचेगा और ना ही लोकतंत्र।'
वहीं, राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि पूरे देश में माहौल ऐसा हो गया है, निश्चित रूप से उन्हें (शाह) को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है।..बुलंदशहर की घटना सुनियोजित थी। भाजपा को समझना होगा ऐसी घटनाओं से राजनीतिक लाभ नहीं होगा।' मलिक ने कहा कि आरएसएस राजनीतिक फायदे के लिए देश के माहौल को जहरीला बना रही है।
यू-ट्यूब पर जारी नसीरुद्दीन शाह के इंटरव्यू पर सोशल मीडिया के एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि 1998 की फिल्म 'सरफरोश' में निभाया पाकिस्तानी गायक का किरदार ही नसीरुद्दीन शाह का असली रूप है। इस फिल्म में उन्हें गायकी की आड़ में सीमा पार से आतंकवाद और हथियारों की तस्करी को अंजाम देते दिखाया गया था।
ट्विटर पर एक अन्य यूजर ने कहा है कि नसीरुद्दीन शाह वही इंसान है जिसने आतंकी याकूब मेमन की दया याचिका पर दस्तखत किए थे। समस्या आप में ही है मिस्टर गुलफाम हसन हैशटैग-नसीरुद्दीन शाह। एक और यूजर ने लिखा है कि अपराधियों और भ्रष्ट लोगों को भारत में डरना होगा। पाकिस्तान जाओ हैशटैग-नसीरुद्दीन शाह।