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कांग्रेस सांसद ने कृषि कानूनों पर बोला झूठ, अनुराग ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद अपने बयान को लिया वापस

वित्त राज्य मंत्री ठाकुर ने कांग्रेस सांसद बिट्टू के भाषण पर जल्दी से हस्तक्षेप किया और उनसे पूछा कि यह कृषि कानूनों में कहां लिखा है कि मंडियों को समाप्त कर दिया जाएगा। हम समझना चाहते हैं कि यह किस खंड के तहत आप यह कह रहे हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 04:34 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 05:53 PM (IST)
कांग्रेस सांसद ने कृषि कानूनों पर बोला झूठ, अनुराग ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद अपने बयान को लिया वापस
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एजेंसियां। नए कृषि कानून को लेकर संसद के दोनों सदनों में बहस छिड़ी हुई है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के सभी नेता अपने-अपने तर्क देकर कानून को सही और गलत ठहराने में लगे हुए हैं। मंगलवार को लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के भाषण को झूठा करार दिया। कांग्रेस सांसद नए कृषि कानून के तहत मंडियों को खत्म करने को लेकर लोकसभा में बोल रहे थे।

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कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने सदन में कहा कि ये तीनों कृषि कानून काले कानून हैं। बिट्टू ने कहा कि वे मंडियों को खत्म कर देंगे और इसके बजाय सरकार निजी मंडिया बनाएगी।

वित्त राज्य मंत्री ठाकुर ने कांग्रेस सांसद बिट्टू के भाषण पर जल्दी से हस्तक्षेप किया और उनसे पूछा कि यह कृषि कानूनों में कहां लिखा है कि मंडियों को समाप्त कर दिया जाएगा। हम समझना चाहते हैं कि यह किस खंड के तहत आप यह कह रहे हैं।

ठाकुर के जवाब में सांसद ने बिट्टू ने सवाल को टाल दिया और विकास दर के बारे में बात करना शुरू कर दिया। कांग्रेस सांसद ने अपने आरोप को विफल करते हुए यह भी कहा कि वह अपने बयान को वापस लेते हैं और संसद में झूठ नहीं बोलेंगे।

इसके साथ ही मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर तीखे हमले भी किए। केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कृषि बाजार समिति का दावा करके पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसानों को गुमराह कर रही है और कह रही है कि मंडियों को नए पारित कृषि कानूनों के लागू होने के बाद खत्म कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि तीन नए अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राजधानी के विभिन्न बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की सरकार से मांग है कि वे इन कानूनों को निरस्त करें।


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