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Madhya Pradesh : कांग्रेस विधायक नारायण पटेल ने विधानसभा की सदस्‍यता छोड़ी, भाजपा में शामिल

मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मांधाता (Mandhata) से कांग्रेस विधायक नारायण पटेल (Narayan Patel) ने विधानसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 04:23 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 02:17 AM (IST)
Madhya Pradesh : कांग्रेस विधायक नारायण पटेल ने विधानसभा की सदस्‍यता छोड़ी, भाजपा में शामिल
Madhya Pradesh : कांग्रेस विधायक नारायण पटेल ने विधानसभा की सदस्‍यता छोड़ी, भाजपा में शामिल

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पिछले हफ्ते दो विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के सदमे से उबर भी नहीं पाई थी कि गुरुवार को पार्टी विधायक नारायण सिंह पटेल ने भी विधानसभा की सदस्‍यता से इस्तीफा दे दिया। यही नहीं शाम तक उन्‍होंने भाजपा का दामन भी थाम लिया। मांधाता (Mandhata) से विधायक चुने गए नारायण पटेल ने भोपाल स्थित पार्टी कार्यालय में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा की सदस्‍यता ग्रहण की। हाल ही में मध्‍य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक सुमित्रा कास्डेकर (sumitra kasdekar) ने विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। 

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अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने बुधवार को पटेल द्वारा दिए गए इस्तीफे को गुरुवार को स्वीकार कर लिया। इस तरह अब प्रदेश में विधानसभा की कुल 27 सीटें रिक्त हो गई हैं। कांग्रेस विधायक दल की संख्या विधानसभा में 114 से घटकर 89 रह गई है। उधर, भाजपा के पूर्व विधायक कन्हैयालाल अग्रवाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की मौजूदगी में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस का दामन थाम लिया।

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ शुरू हुआ दलबदल का खेल लगातार जारी है। पिछले सप्ताह बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और फिर नेपानगर विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर ने इस्तीफा दिया था। तभी यह आशंका जताई गई थी कि पार्टी के कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाकर स्थिति को काबू में करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन खंडवा जिले की मांधाता सीट से विधायक नारायण सिंह पटेल के इरादे नहीं बदले। 

कांग्रेस नेताओं को भी इसकी भनक थी कि वह भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। यही वजह है कि उनका फोन बंद मिलने पर पार्टी नेताओं की बेचैनी बढ़ गई थी। हालांकि, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने दावा किया था कि उनका पटेल से संपर्क हो गया है। वह कांग्रेस के साथ हैं और गुरुवार को भोपाल आएंगे। पटेल आए तो सही, लेकिन विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। गुरुवार को विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष से उन्होंने मुलाकात कर इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया। विधानसभा सचिवालय ने इसकी सूचना भी जारी कर दी है। 

अब चुनाव आयोग को सीट रिक्त होने की अधिसूचना भेजी जाएगी। पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की। उधर, गुना जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया के धुर विरोधी माने जाने वाले भाजपा के पूर्व विधायक कन्हैयालाल अग्रवाल ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की मौजूदगी में चार सौ से ज्यादा समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ली। 

इस दौरान कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश ही नहीं, देश की जनता ने देखा है कि भाजपा ने किस तरह विधायकों की सौदेबाजी कर लोकतंत्र की हत्या की है। प्रदेश की जनता का मनोबल टूटा है और भाजपा से उसका विश्वास खत्म हुआ है। उन्होंने दावा किया कि जनता उपचुनाव में सच्चाई का साथ देगी और फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी। वहीं, अग्रवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा फरेब की राजनीति करती है। गाय की बात करते हैं पर 14 साल में एक भी गोशाला नहीं बनाई।

मप्र विधानसभा में अब दलीय स्थिति

भाजपा- 107

कांग्रेस- 89

रिक्त- 27

निर्दलीय- 04

बसपा- 02

सपा- 01


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